नयी दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) रक्षा मंत्रालय ने वायु सेना और सेना के लिए 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड की खरीद के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल के साथ 62,700 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
कुल 156 हेलीकॉप्टर में से 66 हेलिकाप्टर भारतीय वायु सेना को और 90 की भारतीय सेना को आपूर्ति की जाएंगी।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि अनुबंध में प्रशिक्षण और अन्य संबद्ध उपकरण भी शामिल है। पहला अनुबंध भारतीय वायु सेना को 66 प्रचंड की आपूर्ति के लिए है और दूसरा भारतीय सेना को 90 प्रचंड की आपूर्ति के लिए है। इन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति तीसरे वर्ष से शुरू होगी और अगले पांच वर्षों में पूरी हो जाएगी। इससे अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वायु सेवा और सुना की मारक क्षमता बढ़ेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने इस खरीद को मंजूरी दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा,“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज सी सी एस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 62,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह निर्णय भारत की युद्ध क्षमताओं और रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला है।“
उन्होंने कहा ,“ अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों से संचालन करने और लक्ष्यों पर सटीक हमला करने में सक्षम, हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ एक शक्तिशाली मशीन है। आज लिए गए कैबिनेट के फैसले से रोजगार के 8500 से अधिक अवसर पैदा होंगे। यह वास्तव में भारत की मेक इन इंडिया यात्रा के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। मैं इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं।“
प्रचंड भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जिसमें 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर संचालन करने की क्षमता है इसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियाँ शामिल होंगी, जिनमें से अधिकांश एमएसएमई होंगी।
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के पायलटों को हवा से हवा में ईंधन भरने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट की वेट लीजिंग के लिए मेट्रिया मैनेजमेंट के साथ भी एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए हैं। मेट्रिया छह महीने के भीतर विमान आपूर्ति करेगा। यह वायु सेना द्वारा वेट लीज पर लिया जाने वाला इस तरह का पहला विमान होगा।
इन तीन अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के साथ, 2024-25 के दौरान रक्षा मंत्रालय द्वारा हस्ताक्षरित कुल अनुबंधों की संख्या 193 तक पहुँच जाती है, जिनका कुल अनुबंध मूल्य 2,09,050 करोड़ रुपये से अधिक है, जो अब तक का सबसे अधिक और पिछले उच्चतम आंकड़े से लगभग दोगुना है। इनमें से घरेलू उद्योग को दिए गए अनुबंध 177 (92 प्रतिशत) हैं, जिनका अनुबंध मूल्य 1,68,922 करोड़ रुपये (81प्रतिशत) है।