भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव चार चरणों में पूरा होगा। इसमें पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है, तो वहीं दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को वोटिंग कराई जाएगी। इस दूसरे चरण में छह लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों पर कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। इन छह लोकसभा सीटों पर कुल 80 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दूसरे चरण में मध्य प्रदेश के लोकसभा संसदीय क्षेत्र टीकमगढ़ (अजा), दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा एवं होशंगाबाद में 26 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। इन सभी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही प्रमुख मुकाबला है। पहले चुनाव आयोग द्वारा दूसरे चरण में 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना था, लेकिन बैतूल लोकसभा सीट पर बीएसपी प्रत्याशी की मौत के कारण वहां चुनाव आगे की तारीख पर कराए जाएंगे। मतलब बैतूल लोकसभा सीट पर 7 मई को चुनाव होंगे। लगातार सात बार से सांसद वीरेंद्र सिंह और चार बार से सतना लोकसभा सीट जीतने वाले गणेश सिंह की सियासी साख दांव पर है। कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भी लोकसभा के चुनावी समर में उतरे हैं। सतना सीट से चार बार से भाजपा सांसद गणेश सिंह पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका सामना कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा से है। सिद्धार्थ पिछले साल गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव हरा चुके हैं। खजुराहो सीट पर भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद वीडी शर्मा का मुकाबला फॉरवर्ड ब्लॉक के राजा भैया प्रजापति से है.
रीवा संसदीय क्षेत्र
रीवा संसदीय क्षेत्र में भाजपा कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। भाजपा ने दो बार सांसद रह चुके जनार्दन मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे वर्तमान विधायक अभय मिश्रा की पत्नी जो एक बार भाजपा से विधायक रह चुकी नीलम मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां बहुजन समाज पार्टी ने पिछड़ा वर्ग के वोटों के धुर्वीकरण को ध्यान में रखते हुए अभिषेक पटेल को मौका दिया है। पूर्व में दो बार सफल हो चुकी बहुजन समाज पार्टी को भी लोग फिलहाल कम नही आँक रहे हैं। जातीय समीकरणों में उलझा चुनावी गणित किसके पक्ष में हो सकता है, यह समय ही बतायेगा.
सतना संसदीय क्षेत्र
सतना संसदीय क्षेत्र में त्रिकोणीय संघर्ष की सम्भावना है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच फिलहाल सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। भाजपा से चार बार सांसद रह चुके गणेश सिंह पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। दो बार विधायक बन चुके सिद्धार्थ कुशवाहा को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है। श्री कुशवाहा के पिता सुखलाल कुशवाहा एक बार सांसद रह चुके हैं। तीसरे प्रत्याशी के रूप में बहुजन समाज पार्टी से चार बार विधायक रह चुके नारायण त्रिपाठी भी चुनाव मैदान में हंै। तीनों प्रत्याशी मैदान में एक दूसरे को टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं।
खजुराहो लोकसभा सीट
खजुराहो में इस बार चुनाव दिलचस्प है। कांग्रेस से गठबंधन के तहत यह सीट समाजवादी पार्टी को मिली थी। मगर यहां से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन रद्द हो चुका है। इसके बाद ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के आरबी प्रजापति को कांग्रेस और सपा समेत गठबंधन में शामिल पर्टियों ने साझा प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा से वी डी शर्मा चुनावी मैदान में हैं। बसपा से कमलेश कुमार मैदान में हैं। यहां चार निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
टीकमगढ़ लोकसभा सीट
टीकमगढ़ सीट यूपी से सटी हुई है। 2009 में खजुराहो से अलग होकर टीकमगढ़ लोकसभा अस्तित्व में आई और एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा के वीरेंद्र खटीक लगातार यहां से चुनते आ रहे हैं। इस बार वीरेंद्र कुमार खटीक का मुकाबला कांग्रेस के पंकज अहिरवार से है। टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर दो निर्दलीय समेत कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी ने अहिरवार दल्लूराम पर भरोसा जताया है। भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार लगातार सात बार से सांसद हैं। खास बात यह है कि वे टीकमगढ़ सीट से लगातार तीन बार जीत चुके हैं और अब चौथी बार इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं।
दमोह लोकसभा सीट
दमोह लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है, इस सीट पर 2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल सांसद थे। उनके विधानसभा चुनाव लडऩे के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी और इस चुनाव में यहां से भाजपा ने पूर्व विधायक राहुल लोधी और कांग्रेस ने पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है। यह सीट लोधी वर्चस्व वाली है यही कारण है कि यहां पर दोनों ही पार्टियों ने लोधी समाज से अपना प्रत्याशी बनाया है। बसपा की टिकट पर इंजीनियर गोवर्धन राज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर आठ निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
दमोह में दो दोस्तों के बीच सियासी लड़ाई
लोकसभा सीट दमोह में दो पुराने दोस्तों के बीच सियासी लड़ाई है। तीन जिलों की 8 विधानसभाओं वाली इस सीट में 10,7,149 पुरूष तथा 7,14,853 महिला और 18 थर्ड जेंडर सहित 19,22,698 कुल मतदाता हैं। भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे और पार्टी कार्यकत्र्ताओं की बड़ी फौज के साथ मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तरवर सिंह लोधी दमोह सीट में 35 साल के भाजपाई राज के दौरान कोई बड़ी सौगात न मिलने और क्षेत्र के पिछड़ेपन तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटियों के पूरा नहीं होने की बातें जनता के सामने रखते रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ग्रेजुएट हैं। जिला पंचायत सदस्य रहे श्री लोधी 2018 में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े और जयंत मलैया को हराकर विधायक बने। बाद में भाजपा का दामन थामा और दमोह विधानसभा सीट पर हुये उपचुनाव में कांग्रेस के अजय टंडन से हार गये।
तरवर सिंह लोधी कांग्रेस की ओर से मोर्चा सम्हाल रहे हैं। स्नातक तक शिक्षित तरवर सिंह जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। 2018 में वह बंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस ने 2023 में भी लोधी कार्ड खेलते हुये उन्हें टिकट दिया था, लेकिन इस बार वह हार गये।
होशंगाबाद लोकसभा सीट
इस सीट पर भाजपा ने किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक संजय शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। होशंगाबाद लोकसभा सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। बसपा ने रामगोविंद बारुआ को उतारा है। इस बार देखना होगा कि इस सीट पर कौन भारी पड़ता है। इस सीट पर सात निर्दलीय समेत कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं।