नयी दिल्ली 24 फरवरी, (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के विद्युत उद्योग से एक एकीकृत विश्व स्तरीय प्रदर्शनी मंच बनाने की अपील करते हुये आज कहा कि भारत कई अरब डॉलर के निर्यात बाजार पर कब्जा करने की दृष्टि से, विद्युत और बिजली क्षेत्र में अपनी विनिर्माण क्षमता को तेजी से बढ़ा रहा है।
श्री गोयल ने इलेक्रामा को संबोधित करते हुये यहां कहा कि एकीकृत विश्व स्तरीय प्रदर्शनी मंच बनाने से भारत को विद्युत और ऊर्जा समाधानों के लिए वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने प्रमुख प्रदर्शनियों- इलेक्रामा और अन्य उद्योग-आधारित प्रदर्शनियों सहित- को एक शोकेस में विलय करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे भारत वैश्विक कंपनियों के लिए वन-स्टॉप शॉप बन सके।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में सबसे आगे है, और हमारा विद्युत उद्योग इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कई खंडित प्रदर्शनियों की मेजबानी करने के बजाय, हमें एक साथ आकर एक एकल, बड़े पैमाने का कार्यक्रम बनाना चाहिए जो दुनिया के सामने हमारी पूरी क्षमताओं को प्रदर्शित करे। 1,500 से अधिक प्रदर्शकों, 100,000 से अधिक आगंतुकों और सबसे बड़े वैश्विक निवेशकों की भागीदारी वाली प्रदर्शनी की कल्पना करें। उन्होंने इस विजन को वास्तविकता बनाने के लिए उद्योग संघों की अगुवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत का घरेलू क्षेत्र मजबूत हो और साथ ही निर्यात और वैश्विक साझेदारी का विस्तार हो।
उन्होंने कहा “आइए हम दुनिया को भारत लाएं। यदि हम पैमाने और प्रभाव का एक एकीकृत मंच बनाते हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी जान जाएंगे कि भारत बिजली से जुड़ी सभी चीजों के लिए वन-स्टॉप गंतव्य है। चाहे वह बिजली का बुनियादी ढांचा हो, स्वचालन हो या स्मार्ट ग्रिड समाधान हो- भारत के पास विशेषज्ञता, तकनीक और विजन है।”
उन्होंने कहा कि दुनिया को कहना चाहिए, ‘भारत जाएं, और आपको बिजली के नवाचार का भविष्य दिखाई देगा। श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार, स्मार्ट ग्रिड में प्रगति और डिजिटल स्वचालन व्यवसायों के लिए सहयोग करने, सह-निर्माण करने और भारत को विद्युत समाधानों के लिए वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के नए अवसर खोल रहे एक मंच के तहत एकजुट होकर, हम न केवल अपने घरेलू क्षेत्र को मजबूत करते हैं, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अग्रणी के रूप में भी स्थापित करते हैं। अवसर अभी है और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।