जबलपुर: परिवारों को बिखरने की बजाय परिवारों को जोडऩे के लिये काउंसिलिंग की बेहद आवश्यकता है और उसके लिये बड़े ही सहज, सरल और संवेदनशील तरीके से विवाहित महिला की समस्या को जानकर और किन बातों को लेकर यह स्थिति निर्मित हुई हैं पूरे परिवार को बुलाकर उन बातों को दूर करने का प्रयास होना चाहिए ताकि परिवार किसी भी तरह से उजड़ नही पाये और इसके साथ-साथ यदि यह मालूम हो रहा है कि उत्पीडऩ की गंभीर समस्या है तो अन्य वैधानिक प्रावधानों का उपयोग करना चाहिए। यह बातें पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज तुषार कान्त विद्यार्थी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष जबलपुर में घरेलू हिंसा एवं महिला संबंधी अपराधों से पीडि़त महिलाओं/बालिकाओं के मानसिक स्वास्थ्य काउंसिलिंग विषय पर जिला जबलपुर व कटनी में पदस्थ महिला हेल्प डेस्क अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहीं।
आगे उन्होंने कहा कि जब भी कोई महिला शिकायत लेकर आती है तो उसे गंभीरतापूर्वक सुने और उसके युक्तियुक्त निराकरण के लिये सार्थक कदम उठाएं। हमें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है जिसमें हमको घरेलू हिंसा और महिला संबंधी उत्पीडऩ के मामलों में पहल करके उस पर अंकुश लगाने और साथ ही परामर्श संवाद के माध्यम से बातों को सुलझाने का सशक्त प्रयास करना चाहिये।
जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल ने विधिक सलाह व पीडि़त प्रतिकर के संबंध में जानकारी दी गई। अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी वर्षा वैद्य व निरीक्षक इंद्रा सिंह ठाकुर द्वारा घरेलू हिंसा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। परिवार परामर्श केन्द्र के प्रभारी अंशुमान शुक्ला द्वारा पति-पत्नी के विवाद व उनके निराकरण के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी श्रीमति सोनाली दुबे ने कहा कि निश्चित रूप से यह कार्यशाला महिला अधिकारियों को घरेलू हिंसा एवं महिला संबंधी अपराधों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने में सफल होगीं और वे बेहतर तरीेके से अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकेंगी।