केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कृषि संबंधी सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर बोला हमला, गिनाई उपलब्धियां

  • लोक सभा में एक घंटे के प्रश्नकाल के दौरान लगभग 40 मिनट तक शिवराज सिंह ने रखी बात
  • विपक्ष ने कभी किसानों के हित में कदम नहीं उठाए- शिवराज सिंह
  • किसानों की आय बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- कृषि मंत्री श्री चौहान
  • नारियल उत्पादन में भारत नंबर वन- शिवराज सिंह चौहान
  • फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान- शिवराज सिंह
  • प्राकृतिक खेती मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाती है-केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी विजनरी लीडर- शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली, 4 फरवरी 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्र सरकार कृषि एवं किसान कल्याण के लिए संकल्पित है और लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही है, वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री ने सदन में नारियल, फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती और ई-नाम (e-NAM) योजना सहित कई योजनाओं व गतिविधियों के संबंध में विस्तार से अपनी बात रखी। साथ ही, शिवराज सिंह चौहान ने संसद में कृषि एवं किसान कल्याण को लेकर केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। लोक सभा में एक घंटे के प्रश्नकाल के दौरान लगभग 40 मिनट तक शिवराज सिंह ने कृषि एवं किसान कल्याण की बातें रखी।

नारियल उत्पादन में भारत नंबर वन

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज नारियन उत्पादन में हमारा देश नंबर एक पर पहुंचा है, जिसके पीछे प्रधानमंत्री श्री मोदी की उत्पादन बढ़ाने की नीति है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-15 के दौरान नारियल उत्पादन 140 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 153.29 लाख मीट्रिक टन हो गया है। विश्व में हमारी उत्पादकता सबसे अधिक है। आंध्रप्रदेश में भी उत्पादकता 11 मीट्रिक टन है। मैं, आंध्रप्रदेश के किसानों को प्रणाम करता हूं, बधाई देता हूं कि उन्होंने उत्पादकता के नए रिकार्ड स्थापित किए हैं। आंध्रप्रदेश में नारियल उत्पादन बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए आंध्रप्रदेश में उत्पादन बढ़ाने और क्षेत्र विस्तार के लिए अनेकों प्रयास प्रारंभ किए गए हैं। पिछले 10 वर्षों में आंध्रप्रदेश में कुल नारियल क्षेत्र का विस्तार 12,391 हेक्टेयर किया गया है, जिससे 12,406 किसान लाभान्वित हुए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) ने भी लगातार प्रयत्न किए हैं कि जो अलग-अलग प्रकार की बीमारी नारियल के पामट्री के पर आती है, उस पर शोध किया जाएं और शोध करने के बाद उनसे निपटने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। कर्नाटक व केरल में कीटों और बीमारियों की समस्या के लिए किसानों को 50.56 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि केरल हो, कर्नाटक या तमिलनाडु, जब ऐसी बीमारियां आती हैं तो हम लगातार प्रयत्न करते हैं कि बीमारियों का नियंत्रण भी किया जाएं और किसानों को सहायता भी दी जाएं।

फसल बीमा योजना, किसानों के लिए वरदान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर आई है, आज यह बीमा आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। कृषि राज्य का विषय है और ये योजना स्वैच्छिक है, इसलिए योजना को चुनना राज्य की इच्छा पर निर्भर करता है। 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना का चयन किया है, लेकिन कुछ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां की योजना भी चलाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों का नुकसान हो तो उसकी भरपाई हो जाएं, यह मोदी सरकार की नीति है, इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजना बनी है। उन्होंने कहा कि मैं अलग-अलग राज्यों में जा रहा हूं और किसानों के साथ सीधी चर्चा भी कर रहा हूं। हम दादरा नगर हवेली में भी किसानों के कल्याण के लिए हरसंभव कदम उठाने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और उसमें भी बागवानी फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना राज्य सरकार के प्रस्तावों पर केंद्र सरकार लागू करती है। मध्यप्रदेश में केले का बहुत अच्छा उत्पादन होता है और अलग-अलग राज्य सरकारें अपने किसानों के हित के लिए कदम उठाती है। मध्यप्रदेश में केले के नुकसान पर ₹2 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से राहत की राशि दी जाती है। पहले जो फसल बीमा योजना थी, वह बहुत डिफेक्टिव थी। कई बार 6 से 8 महीने 1 साल तक लग जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यह तय किया गया है कि फसल कटाई के अधिकतम एक महीने के बाद राज्य सरकार रिपोर्ट भेजे और वह रिपोर्ट मिलने के बाद फसल नुकसान का जो दावा है, उसका भुगतान किसानों को कर दिया जाएं। अब हमने ये भी तय किया है कि अगर राज्य सरकार उपज के आंकड़े भेज दें और उसमें बीमा कंपनी देरी करेगी तो 12% उन्हें ब्याज देना पड़ेगा।

कांग्रेस ने कभी किसानों का भला नहीं किया

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्ष में बैठे लोगों ने कभी भी किसानों का भला नहीं किया है। कांग्रेस की सरकार में जो फसल बीमा योजना थी, उसमें तहसील और ब्लाक इकाई होती थी और इसका मतलब होता था कि अगर एक किसान की फसल खराब होती है तो उसे राहत नहीं मिलेगी, 10 गांवों की फसल खराब हो जाएं तो भी किसानों को मुआवज़ा नहीं मिलेगा। जब पूरी तहसील की फसल खराब होगी, तभी किसानों को राहत दी जाएगी। ऐसे में किसान भगवान से प्रार्थना करते थे कि पूरी तहसील की फसल बर्बाद हो जाएं ताकि उन्हें मुआवज़ा मिल सके। शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस की ऐसी फसल बीमा योजना में बदलाव करते हुए हमारी सरकार ने योजना की इकाई गांव को बनाने का काम किया। पहले स्थानीय आपदा, फसल बीमा योजना में सम्मिलित नहीं थी लेकिन हमने स्थानीय आपदा को भी सम्मिलित करके तय कर दिया है कि एक किसान का भी नुकसान होगा तो उसे भरपाई की जाएगी। उस समय की योजना में अनेकों विसंगतियां थी। तब उन्होंने तय किया था कि फसल बीमा योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है और वो बीमा, किसान की फसल का नहीं बल्कि बैंकों के लोन का होता था। हमने तय कर दिया अब यह योजना अनिवार्य नहीं रहेगी। शिवराज सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार फसल बीमा योजना चलाती थी तो गैर ऋणी किसान आते ही नहीं थे, आज मुझे बताते हुए खुशी है कि गैर ऋणी किसानों के भी 5 करोड़ से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें ₹35,000 करोड़ रुपए के किसान प्रीमियम पर 1.72 लाख करोड़ रुपए किसानों के खाते में देने का काम किया है तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है।

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि केमिकल फ़र्टिलाइज़र के अनियंत्रित और अधिक इस्तेमाल के कारण आज धरती की उर्वरक क्षमता कम हो रही है जैविक कार्बन घट रहा है, मित्र कीट मारे जा रहे हैं, जल धारण की क्षमता घटती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर हैं, वो केवल आज का नहीं सोचते, आने वाली पीढ़ियों को भी बेहतर भविष्य कैसे दे सकते हैं, यह विचार भी करते हैं और इसलिए नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग को 15 नवंबर 2024 को मंजूरी दी गई है। प्राकृतिक खेती के लिए इस मिशन के माध्यम से हम किसानों को प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि किसान धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ें, पूरी जमीन पर नहीं, लेकिन जमीन के एक हिस्से में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करें और उसके परिणामों के आधार पर बाकी किसान भी सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। इसके लिए प्राकृतिक खेती का एक मिशन बनाया गया है। साथ ही, शिवराज सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार प्राकृतिक खेती पर पहले से ही काम कर रही है। मैं महाराष्ट्र सरकार और पूरी टीम को बधाई देता हूं। कुछ अन्य राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती पर काम कर रही है। अभी प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत महाराष्ट्र को 1709 क्लस्टर का आवंटन किया गया है। 85,450 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी, जिसमें 2.13 लाख किसान प्राकृतिक खेती की शुरुआत करेंगे। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी पर बहुत बुरा असर पड़ता है, लेकिन प्राकृतिक खेती मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाती है और इसलिए यह आशंका कि इससे उत्पादन बहुत घट जाएगा, यह पूरी तरह से सही नहीं है। प्राकृतिक खेती ठीक विधि से किसान कर सकें, इसके लिए हम प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखी और कम्युनिटी रिसोर्सपर्सन नियुक्त करेंगे। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रॉपर ट्रेनिंग देंगे। जो इनपुट लगते हैं, उनको आसानी से उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी प्रारंभ करेंगे, उनके लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे। किसानों को अपने खेत पर भी इनपुट बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, अगर ठीक इनपुट डाले जाएंगे तो उत्पादन नहीं घटेगा।

e-NAM पोर्टल

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने छोटे किसानों को कवर करने का पूरा प्रयास किया है, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को ई-नाम के संचालन हेतु स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फंड दिया जा रहा है। किसानों को अपने उत्पाद कहीं और न ले जाना पड़े, वो मंडी में ही e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ व्यापार कर सके। इसके लिए बिहार की 20 बाजार समितियों को e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करने का काम किया गया है। भारत सरकार ने e-NAM प्लेटफार्म में मंडियों को जोड़ने का लगातार प्रयत्न किया है। 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की 1410 मंडियों को e-NAM प्लेटफार्म से जोड़ा गया है।

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