जापान से लौटते ही सिंहस्थ के कार्यो में जुटे मुख्य सचिव राजौरा

उज्जैन सिंहस्थ 2004 में कलेक्टर रह चुके हैं राजौरा, स्थाई प्रकृति के कार्य 31 दिसंबर 2027 के तक पूर्ण करने के दिए निर्देश

 

उज्जैन। सिंहस्थ 2004 में उज्जैन कलेक्टर रहे अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने रविवार को उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय में सिंहस्थ 2028 की तैयारी के लिए कार्यों की समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ चार दिवसीय जापान की यात्रा पर राजेश राजौरा भी गए थे और आते ही उज्जैन से सिंहस्थ पर उन्होंने फोकस किया।

बैठक में उन्होंने अभी तक शुरू किए गए कार्य, प्रस्तावित कार्य और आने वाले समय में होने वाले कार्यों के लिए अलग-अलग विभागों के प्रदेश स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, एडीजी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, एसपी प्रदीप शर्मा एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

लापरवाही बरती तो होगी छुट्टी

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए की स्थाई प्रकृति के सभी कार्यों को अनिवार्य रूप से 31 दिसंबर 2027 के पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो, वर्तमान में जितने भी कार्य संचालित हो रहे हैं या निर्माणाधीन हैं और प्रस्तावित हैं उन सभी के लिए अब प्रति माह बैठक होगी और आगामी समय में इन सब कार्यों में लापरवाही होने पर उनका उत्तरदायित्व भी तय किया जाएगा। इस अवधि में राहत और अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण हो सकें, इसके लिए लगातार मॉक ड्रिल करें और कार्य योजना बनाएं, आग लगने की घटनाओं को तत्काल रूप से रोकने के लिए मेला क्षेत्र में पाइपलाइन भी डालें और यह सुनिश्चित करें कि छोटे फायर फाइटर वहां जल्दी पहुंच सकें। इसी के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी अलग-अलग जगह ट्रामा सेंटर बनाकर तत्काल कार्रवाई के करने की योजना अनुसार काम हो।

साफ सफाई की व्यवस्था की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सिंहस्थ में 740 टन सॉलिड वेस्ट कचरा प्रतिदिन उत्पन्न होगा। इसके लिए 50 हजार बायो टॉयलेट का निर्माण किया जाएगा। राजौरा ने निर्देश दिए कि नगर निगम सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग करें तथा उनका प्रबंधन कैसे होगा इसकी विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। यातायात व्यवस्था की समीक्षा के दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट, भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन तथा सामान्य स्थिति में पार्किंग व्यवस्था कैसी रहेगी इस पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। सिंहस्थ में फायर सेफ्टी के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए। कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि सदावल हेलिपेड मार्ग पर नवीन थाना बनाया जाएगा जो कि सिंहस्थ सिटी पर विशेष ध्यान देगा। इसके अलावा कार्तिक मेला और डेंडिया में यातायात थाने बनाए जाएंगे। मेला क्षेत्र में अस्थाई थानों के साथ हॉस्पिटल एवं फायर स्टेशन के लिए भी स्थान रहेगा। बैठक में राजोरा ने निर्देश दिए कि कंपोसिट कंट्रोल रूम नृसिंह घाट के स्थान पर पुलिस कंट्रोल रूम ही बनाए जाए। बैठक में सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत उज्जैन शहर में अन्य विभागों के अंतर्गत स्वीकृत, प्रस्तावित पुल एवं आरओबी की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि क्षिप्रा नदी पर कुल 7 पुल और 5 रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत हुए हैं। इनमें हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड पर क्षिप्रा नदी पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल, हरिफाटक से रिंग रोड़, इंदौर रोड़, भैरवगढ़ पर क्षिप्रा नदी पर पूर्व से निर्मित पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल और तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग पर क्षिप्रा नदी पर नवीन टू लेन पुल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है।

 

31 दिसंबर 2027 तक खत्म हो काम

राजौरा ने बैठक में निर्देश दिए कि सिंहस्थ के अंतर्गत समस्त निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अखाड़ों, साधु-संतों के लिए आवंटित स्थान के अनुसार ही मेपिंग की जाए। उनका स्थान निश्चित हो। सिंहस्थ के पूर्व ही बोर्डिंग की व्यवस्था की जाए। विगत सिंहस्थ 2004, 2016 में जो व्यवस्थाएं की गई थी उसका अध्ययन किया जाए। सभी अखाड़ों, साधु-संतों से पूर्व में बातचीत कर तथा उन्हें पूर्णत: विश्वास में लेकर अनुसमर्थन के साथ जगह आवंटित की जाए। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी के द्वारा किए जा रहे कार्यों का कार्यों की समीक्षा की गई।

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