नयी दिल्ली (वार्ता) संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि दूरसंचार सुधार के तहत स्पेक्ट्रम रेगुलेटरी सैंडबॉक्स और वायरलेस टेस्ट ज़ोन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
श्री वैष्णव ने यहां डबल्यूटीएसए 2024 और इंडिया मोबाइल कांग्रेस की घोषणा के दौरान यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग की ओर से स्पेक्ट्रम रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (एसआरएस) और वायरलेस टेस्ट जोन (वाईटीई जोन) के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसका उद्देश्य व्यापार करने में आसानी बढ़ाना और वायरलेस उत्पादों में “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देना, ग्रीनफील्ड स्पेक्ट्रम बैंड के उपयोग और दक्षता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का विकास आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि डबल्यूआईटीई ज़ोन को दो में वर्गीकृत किया गया है, अनअसाइन्ड और असाइन किए गए स्पेक्ट्रम बैंड में प्रयोग की अनुमति दी गई है और आवेदन प्रक्रिया सरलीकृत कर दी गयी है।
आवेदक सरल संचार पोर्टल के माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाते हुए वायरलेस ऑपरेटिंग लाइसेंस (डब्ल्यूओएल) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया।