स्थानीय कांग्रेसियों ने बनाई दूरी, कांग्रेस प्रत्याशी ने बाहरियों के साथ जमा किया नामांकन
शाजापुर, 19 अप्रैल. देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र में वैसे भी कांग्रेस की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. ऐसा लग रहा है कांग्रेस केवल औपचारिकता के लिए चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस प्रत्याशी ने आज बिना लाव-लश्कर के अपना नामांकन पत्र जमा कर दिया. प्रत्याशी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की दूरी कांग्रेस के लिए बेचैन करने वाली है, तो भाजपा के लिए राहत देने वाली है. वैसे भी शाजापुर-देवास संसदीय क्षेत्र भाजपा का परंपरागत गढ़ है. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय को शायद यह नहीं पता होगा कि उनके साथ कांग्रेसी इतना बड़ा खेला करेंगे. नामांकन फॉर्म के दौरान ही जिले के नामचीन कांग्रेसी नदारद रहे. अब ऐसे में जब नामांकन फॉर्म में ही कांग्रेसी इकट्ठे नहीं हो पाए, तो मतदान और चुनाव में कांग्रेसियों को एक करना कश्मीर समस्या हल करने जैसा होगा.
गौरतलब है कि इंदौर निवासी राजेंद्र मालवीय को जब कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था, तो कांग्रेस के तमाम नेताओं ने भाजपा को कोसते हुए राजेंद्र मालवीय को दिल्ली भेजने के बड़े-बड़े वादे किए थे. या यूं कहें कि कांग्रेस ने राजेंद्र मालवीय को बलि का बकरा बनाकर मैदान में उतार दिया है. क्योंकि नामांकन के दौरान जिले का एक भी वरिष्ठ कांगे्रसी नेता मौजूद नहीं था. कांग्रेसी नेताओं की गैरमौजूदगी राजेंद्र मालवीय के चुनाव परिणाम को बता रही है. अब देखना यह है कि लोकसभा का यह चुनाव 2019 के परिणाम को रिपीट करता है या फिर नये परिणाम देखने को मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी और सांसद महेंद्र सोलंकी के नामांकन के लिए सीएम मोहन यादव 22 अप्रैल को शाजापुर आ रहे हैं. याने कि भाजपा प्रत्याशी लाव लश्कर के साथ नामांकन दाखिल करेंगे और कांग्रेस प्रत्याशी अकेले ही नामांकन दाखिल कर आए.
नामांकन में भी बाहरियों का सहारा …
कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय जब नामांकन दाखिल करने पहुंचे, तो 5 लोगों मेंसे खुद राजेंद्र मालवीय मिलाकर तीन बाहरी लोग हैं. स्थानीय नेताओं में केवल सेंगर ब्रदर्स ही मौजूद थे. याने स्थानीय कांग्रेसी नेता भी कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन के लिए नहीं पहुंचे. याने कि शाजापुर का चुनाव केवल औपचारिकता बनकर रह गया है. अब देखना है कि राजेंद्र मालवीय 2019 लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ पाते हैं या नहीं.
वरिष्ठ कांग्रेसी क्यों नहीं पहुंचे नामांकन में…?
शाजापुर जिले में यूं तो कांग्रेस के पास दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता हैं. लेकिन एक भी नेता कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन भराने में नहीं पहुंचा. पूर्व विधायक हुकुमसिंह कराड़ा, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामवीरसिंह सिकरवार, पूर्व विधायक कुणाल चौधरी, पूर्व राष्ट्रीय सेवादल अध्यक्ष महेंद्र जोशी, पूर्व विधायक सज्जनसिंह वर्मा सहित और भी कांग्रेसी नेता कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन से दूर रहे. सवाल यह उठता है कि कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय के नामांकन से कांग्रेसियों की दूरी चर्चा का विषय है.
कार्यालय खुलता कम है, बंद ज्यादा रहता है
चुनाव को देखते हुए कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना निजी कार्यालय खोला, लेकिन इस कार्यालय में ताला लगा मिलता है. बीते एक सप्ताह में इस कार्यालय पर ताला लटका हुआ था. याने यह कार्यालय खुलता कम और बंद ज्यादा रहता है. अब देखना यह है कि ये बंद कार्यालय कांग्रेस प्रत्याशी की किस्मत का ताला खुलवाता है या फिर….