लापरवाही : पशुओं के आहार पर दलालों का डाका

कलेक्टर के प्रतिबंध के बाद भी हो रहा भूसे का अवैध परिवहन

 

सुसनेर, 11 मार्च. इन दिनों क्षेत्र में भूसा बिक्री करने वाले दलाल सक्रिए हैं. बड़े स्तर पर भूसा जिले से बाहर बेचा जा रहा है, जिससे जिले की गौशालाओं में गौवंश की दुर्दशा होना निश्चित है. कलेक्टर ने आदेश जारी कर भूसे को जिले के बाहर ले जाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन उसका कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा है.

प्राय: देखने में आ रहा है कि कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जिले का गौवंश सडक़ों पर घूमने को मजबूर है. गौशालाओं में साल भर के लिए भूसे की खरीदी नहीं हो पा रही है, क्योंकि जिले में बिचौलिए सक्रिय है. बिचालियों के कारण भूसे की कीमतें आसमान छू रही हैं. समय रहते यदि शीघ्र रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में जिले की गौशालाओं में रहने वाला गौवंश भी भूखा रहने के लिए मजबूर होगा. कुछ दिनों पूर्व ही कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने एक आदेश जारी करते हुए जिले के बाहर की सीमा में भूसे के परिहवन करने पर रोक लगाई थी. ताकि आगर जिले में पर्याप्त मात्रा में पशुओं के लिए आहार उपलबध हो सके. किन्तु उसके बाद भी सुसनेर थाना क्षेत्र में इसका परिवहन करने वाले लोगों पर कारवाई शुरू नहीं की गई, जिसके चलते प्रतिदिन हर रोज राजस्थान के डग व पिड़ावा क्षैत्र में अवैध रूप से भूसे का परिवहन किया जा रहा है. सोमवार को भी उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग से सुसनेर पुलिस थाने के सामने भूसे से भरे ट्रैक्टर अवैध परिवहन करने के लिए जाते हुए दिखाई दिए. इन पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण इन लोगों के हौंसले बुलंद है. यदि ऐसी ही हालत बनी रही, तो आने वाले समय में सुसनेर क्षेत्र में पुशओं के लिए आहार की समस्या खड़ी हो जाएगी. साथ ही सालरिया कामधेनु गो अभ्यारण व अन्य गौशालाओ में भी गायों के लिए भूसे की व्यवस्था करने के लिए प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

सुसनेर से पास है राजस्थान सीमा

 

दरअसल, सुसनेर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ही राजस्थान की सीमा लग जाती है और इसी का फायदा उठाते हुए कुछ कतिपय लोग भूसे का अवैध परिवहन करने में सफल हो रहे हैं. सुसनेर के डग मार्ग की और जाने वाले मार्ग पर एवं पिड़ावा रोड पर पटपड़ा के बाद से ही राजस्थान की सीमा प्रारंभ हो जाती है. इन मुख्य मार्गों के अलावा ग्रामीण अंचल के रास्तों से भूसे का परिवहन किया जा रहा है. चूंंिक इन मार्गों पर पुलिस का पहरा नहीं रहता है. इसलिए बड़ी तादाद में यह परिवहन जारी है.

 

कलेक्टर ने जारी किया था आदेश

 

कलेक्टर के द्वारा आदेश जारी करते हुए बताया था कि आगामी दिनों में आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु व्यक्तियों, कृषक और व्यापारियों द्वारा पशु चारे का जिले के बाहर निर्यात की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश चारा निर्यात, नियंत्रण आदेश 2000 के निहित प्रावधानों के तहत पशु चारे का उपयोग ईंट भट्टे एवं फैक्ट्री में जलाने तथा जिले की सीमा से बाहर परिवहन करने पर रोक लगाई है. यह आदेश आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा. किन्तु उसके बाद भी सुसनेर क्षेत्र में धड़ल्ले से भूसे का अवैध परिवहन जारी है.

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