जलसंकट : सूख गई कंठाल नदी, कम हो रहा जलाशयों में पानी 

एक-एक करके सूखते जा रहे हैं जलस्त्रोत, गर्मी में बढ़ेगी मुश्किलें

 

सुसनेर, 11 मार्च. नगरीय क्षेत्र में भूमिगत जल का सबसे प्रमुख स्त्रोत कंठाल नदी ही अब पूरी तरह से सूख गई है. नदी में कुछ ही जगह ऐसी है, जहां पर थोड़ा बहुत पानी दिखाई देता है. कंठाल नदी के सूख जाने से नगरीय क्षेत्र के जलस्त्रोतों में अभी से पानी की कमी महसूस होने लगी है. स्थिति यह है कि आसपास के जलस्त्रोत अब जवाब देने लगे हैं.

नगर की एकमात्र नदी जो एक समय नगरवासियों की प्यास बुझाने का एक मात्र सहारा थी, इन दिनों उपेक्षा का शिकार बनी हुई है. नदी में पानी नही होने के कारण आसपास के जलस्त्रोत में पानी की कमी होने लगी है. गर्मी की शुरूआत में ही नदी पूरी तरह से सूख चुकी है, तो फिर भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना ही पड़ेगा. नगर परिषद इस वर्ष अभी तक गर्मी में होने वाली जल समस्या के लिए कोई उचित व्यवस्था नही कर पाई है. हालांकि कीटखेड़ी बांध से शहरी क्षेत्र तक नवीन पाइप लाइन डाली गई है, किंतु उससे भी एक दिन छोडक़र जलप्रदाय किया जा रहा है. इसलिए हर साल की तरह इस बार भी नगर के 15 वार्डों में रहवासियों की प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकरों का इंतजाम करना पड़ेगा. उधर, धीरे-धीरे लोगों के जल स्त्रोतों में पानी कम होने लगा है. यदि ऐसे ही चलता रहा, तो शरहवासियों को इस बार भी ग्रीष्म ऋतु के दौरान आने वाले दिनों में जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है.

 

नदी से होती है पानी की चोरी

 

कंठाल नदी से पानी की चोरी का सिलसिला भी नही थम रहा है. पूरे वर्ष जब तक नदी में पानी रहा तब तक कुछ कतिपय लोगों के द्वारा पाईप डालकर पानी की चोरी की जाती रही. जिस वजह से भी नदी का जलस्तर कम होता गया है और एक समय ऐसा आया कि अब नदी पूरी तरह से सूख गई. कहीं-कहीं पर ही नदी में पानी बचा है. नदियों से पानी की चोरी के मामले कई बार उजागर भी हुए, किन्तु उन पर कोई कारवाई ही नहीं हुई. इसलिए क्षेत्र की जिन नदियों में पानी है. वहां पर अभी भी पाईप लाईन के जरिए पानी की चोरी की जा रही है.

 

ऐसे रह सकता है नदी में हर समय पानी

 

नगरीय क्षेत्र के जलसंकट के स्थाई निदान के लिए समीपस्थ ग्राम सादलपुर में कंठाल नदी पर एक स्टाप डेम बना दिया जाए. उससे नगरीय क्षेत्र के आधे जलस्तर रिचार्ज हो सकते हैं. साथ ही भुमिगत जलस्त्रोतों में वृद्धि हो सकती है. सादलपुर के समीप कंठाल नदी पर अंग्रेजों ने एक स्टाप डेम बनाया था, जो अभी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. अब यदि स्टाप डेप का पुर्ननिर्माण होता है, तो स्टाप डेम के बनने के बाद नगरीय क्षेत्र के 3 किलोमीटर क्षेत्र में पानी भर सकता है, जिससे आसपास के जल स्त्रोतो में पानी की कमी नही होगी.

Next Post

फिजूल खर्च रोकने 14 जुलाई को होगा ब्राह्मण विवाह सम्मेलन

Mon Mar 11 , 2024
ग्वालियर। सकल ब्राह्मण महासमिति की प्रकाश नारायण शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस अवसर पर संस्थापक डॉ. जयवीर भारद्वाज ने सनाढ्य, भार्गव, आदि गौड़, कान्यकुब्ज, सारस्वत, ब्रह्म भट्ट, जिझौतिया, ऋषीश्वर, गुजराती, कश्मीरी ब्राह्मण, बरुआ ब्राह्मणों को संकल्प दिलाया कि फिजूलखर्ची एवं दहेजप्रथा को रोकने के लिए निशुल्क ब्राह्मण सामूहिक […]

You May Like