मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बाद भाजपा में बवाल

विंध्य की डायरी
डा0 रवि तिवारी

सत्ता के दो दशक पूरे करने के बाद सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं में चरम पर पहुंची महत्वाकांक्षा अब नेताओं के गले की फांस बनती जा रही है. अनुशासन के पैमाने पर चलने वाली भाजपा में अब तक सहमति असहमति तक सीमित रहने वाले संगठन में चुनाव का विरोध सडक़ो पर दिखाई देने लगा है. कार्यकर्ता चुनाव अधिकारी एवं अध्यक्ष पर खुल कर पक्षपात का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल रहे है. भाजपा संगठन चुनाव की पहली कड़ी के रूप में मंडल अध्यक्षो का निर्वाचन किया गया और आपसी सहमति एवं वरिष्ठ नेताओं की रायशुमारी से मंडल अध्यक्षो के नामो की घोषणा की गई. कई जगह असंतोष के बादल फटे और पार्टी में बवाल मचा हुआ है. समूचे विंध्य में विवाद की स्थित बनी हुई है. पार्टी के अंदर कुछ ठीक-ठाक नही चल रहा है. रीवा एवं सिंगरौली में कई मंडल अभी होल्ड पर है और चार मंडलो के चुनाव निरस्त भी कर दिये गये है. चारो तरफ विरोध हो रहा है, विधायक ने जिस नाम पर सहमति दी उसे हटाकर दूसरे नाम की घोषणा कर दी गई. मंडल कार्यकर्ताओं का असंतोष खुलकर सामने आया, पार्टी कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और यह असंतोष थमने का नाम नही ले रहा है. अभी कई मंडलो में उथल-पुथल होने की संभावना बनी हुई है. आने वाले दिनो में होने वाले अध्यक्ष के चुनाव पर भी इसका असर पड़ेगा.

घूसखोरों के हाथ हुए लाल

विंध्य क्षेत्र में इस समय घूसखोरों का बोलबाल है, शासन की योजना हो या फिर कोई काम, सब में दाम ही दाम चाहिये, बगैर दाम के कोई काम नही होता है. चाहे फिर राजस्व महाअभियान चले या फिर मुख्यमंत्री जन लोक कल्याण अभियान या अधिकारी गांव-गांव भ्रमण करें, किसी अभियान से आम आदमी को राहत मिलने वाली नही है. काम के लिये दाम तो देना ही पड़ता है. फिर चाहे बाबूजी हो या साहब, सब को पैसा चाहिये. नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार का जाल बना हुआ है. घूसखोरो पर लोकायुक्त शिकंजा कस रहा है. पिछले चार दिन के अंदर ताबड़तोड़ कार्यवाई मैहर से लेकर सिंगरौली तक हुई. पटवारी साहब से लेकर नायब तहसीलदार तक लपेटे में आए और घूस लेते रंगे हाथ पाए गए. लोकायुक्त को भी सांस लेने की फुर्सत नही, हर दूसरे दिन कार्यवाई को अंजाम देना पड़ रहा है फिर भी घूसखोर बाज नही आ रहे है.

…….संघ ने जारी किया सफाई पत्र

सीधी जिले के एक कालेज में पदस्थ गेस्ट फैकल्टी को कुछ लोगो ने पीट दिया. जिसके बाद आरोप लगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन नही करने पर पीटा गया है. कालेज में ही पदस्थ शिक्षक पर आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा जबरन संघ में ज्वाइन कराया जा रहा था. संघ का नाम आने के बाद जमकर किरकिरी हुई और प्रांत संघचालक ने सफाई का पत्र जारी करते हुए कहा कि जिस शिक्षक पर आरोप लगाया गया है वह संघ का स्वयंसेवक नही है और न ही संघ के किसी कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ है, संघ से कोई लेना देना नही है. संघ को बदनाम करने के लिये यह प्रयास है.

पुतला जलाने नहीं जुटे कांग्रेसी

संविधान निर्माता डा0 अम्बेडकर को लेकर इस समय देश भर में राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस को बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है, चारो तरफ विरोध और बयानबाजी चल रही है. दरअसल केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा डा0 अम्बेडकर को लेकर की गई टिप्पणी के बाद घमासान मचा हुआ है. रीवा शहर में कांग्रेस और युवक कांग्रेस ने मिलकर केन्द्रीय मंत्री का पुतला दहन किया. जहा चंद कार्यकर्ता पहुंचे और कांग्रेसी नही जुट पाए. जबकि कांग्रेसियों को अपनी ताकत दिखानी थी. टिकट के लिये दावेदारो की सूची इतनी लम्बी होती है कि कागज छोटा पड़ जाता है और जब विरोध प्रदर्शन की बात आती है तो दस कांग्रेसी भी सडक़ पर नही उतरते. खैर यह कांग्रेस की अपनी घर की कहानी है. यहा संगठन और विपक्ष की हालत कमजोर है. सडक़ के बजाय रीवा में कांग्रेसी बंद गाड़ी में चलना और बयान जारी करने पर ज्यादा विश्वास रखते है.

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