तीन पुलिया के अधूरे निर्माण पर चुप्पी,लालचौकी ब्रिज के लिए सांसद ने कागजी घोड़े दौड़ाए 

 

नवभारत न्यूज

खंडवा। कागज की नाव से नदी पार नहीं की जा सकती। खंडवा के सांसद ज्ञानेश्वर पाटील तो उपचुनाव का आधा सत्र और वर्तमान का लगभग सालभर पूरा कर चुके हैं। विभागों को पत्र लिखने और दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों को प्रतिवेदन देने में ही साढ़े तीन साल निकाल दिया। उन्हें अब तो अनुभव आ गया होगा, कि कागज चलाने और आश्वासन मिलने के से ही जनता खुश हो जाती है।

खंडवा के तीन पुलिया ओवरब्रिज को तीन गुना समय हो गया है। अब तक अधूरा है। इसके लिए सांसद ने किन्हें पत्र लिखे और कितना इन पर अमल हुआ? रूटीन में रेलवे देशभर में काम कर रहा है। इसके अलावा कोई बड़ी उपलब्धि नहीं हुई। सनावद से महू तक ब्राडगेज करने का मामला अब भी खटाई में पड़ा हुआ है। सुरंगों से रेल निकलनी है,लेकिन इनकी खुदाई तक शुरू नहीं हुई है।

नए फ्लाई ओवर की मांग

नए पत्र और मुलाकात की सांसद प्रवक्ता ने बड़ी विज्ञप्ति जारी की है कि सांसद पाटिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले। उन्होंने खंडवा ,बुरहानपुर संसदीय क्षेत्र के लिए बड़ी और चौड़ी सडक़ें मांगी हैं।लालचौकी के लिए फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने के लिए कहा है। उन्होंने ही क्षेत्र की जनता को मीडिया के माध्यम से आश्वस्त किया है कि, गडकरी ने खंडवा में लाल चौकी पर रेल ओवर ब्रिज, रूधी पंधाना बायपास सहित अन्य मांगों पर करवाई के लिए अधिकारियों को आदेश दिए हैं। इसमें ईमानदार प्रयास कितने हैं? या फिर जनता को फिर खुश करने की कवायद है, यह वक्त ही बताएगा।

कागजी घोड़े दौड़ रहे

सही तो यह है कि इन दिनों दिल्ली में शीतकालीन लोकसभा सत्र चल रहा है। खंडवा संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल अलग-अलग विभागों के मंत्रियों से मिलकर कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। खंडवा विकास को लेकर मांग पत्र सौंप रहे हैं। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने बुधवार को केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।

मांगपत्र सौंपे,यह ठीक

हालांकि, खंडवा बुरहानपुर ससंदीय क्षेत्र में लोक निर्माण से संबंधित मांगपत्र अनुरोध करते हुए सौंपे। सांसद के प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि सांसद श्री पाटिल ने केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी को रेल ओवर ब्रिज ,रूधी पंधाना बायपास और अन्य सडक़ों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान करने की मांग की है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आपकी मांगें मैं जरूर पूरी करूंगा।

दिल्ली में खंडवा

का नाम नहीं गूंजा?

खंडवा संसदीय क्षेत्र के खंडवा को संभागीय मुख्यालय बनाने की कवायद सांसद ने संबंधित केंद्रीय मंत्रियों से क्यों नहीं की? हालांकि यह सीएम के हक की बात है, लेकिन खंडवा के भौगौलिक, आर्थिक, राजनैतिक और इतिहास की पैरवी केंद्र में क्यों नहीं कर रहे हैं? ताकि एमपी के सीएम पर भी खंडवा को संभाग का मुख्यालय बनाने का दबाव बढ़ सके।

कनेक्टिविटी बढ़ेगी

सांसद पाटिल ने पत्र में लिखा कि रूधी से देशगांव खण्ड (खण्डवा बायपास) का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। अन्य मार्गो का क्रियान्वयन शीघ्र ही होगा। इस संबंध में मांग है कि रूधी (एनएच 347 बी से प्रारंभ) पंधाना बरखेड़ी बिरावल आभापुरी- झिरनिया – चिरिया (चित्तोडग़ढ़ भुसावल एनएच 347सी पर समाप्त) मार्ग का फोरलेन में निर्माण कार्य कराए जाने हेतु आम जनता द्वारा मांग की जा रही है। इस मार्ग के निर्माण से खण्डवा शहर पंधाना होते हुए सीधे चित्तौडग़ढ़ भुसावल हाईवे से जुड़ जाएगा। जिससे कि खण्डवा शहर एवं पंधाना शहर की सीधे तौर पर चित्तौडग़ढ़ भुसावल से कनेक्टीविटी हो जाएगी एवं यातायात सुगम हो जाए।

तीन पुलिया पर

संबंधित मंत्री से मिले क्या?

सबको पता है कि तीन पुलिया का ओवर ब्रिज अधर में लटका है। तिगुना समय लगने के बाद भी अधूरा ही है। इस पर सत्ता वाले क्यों चुप हैं? लोगों को निकलने में कितनी परेशानी हो रही है। 29 में से 29 नंबर मध्यप्रदेश में देने के बावजूद क्यों नेता चुप हैं? पांच-दस सीटें जिनमें मिली हैं, वहां तेजी से विकास के काम हो रहे हैं। खंडवा-बुरहानपुर- खरगोन वाले वोट देकर विकास का मुंह ताक रहे हैं।

संभाग बनाने में

विपक्षी पूर्व सांसद हावी

बताते तो यह भी हैं कि एक पूर्व केंद्रीय मंत्री जो विपक्षी पाट्र्री के हैं, वे खरगोन को संसदीय मुख्यालय बनाने में ज्यादा वजनदार साबित हो रहे हैं। यदि खरगोन यह मुख्यालय बन गया, तो सांसद की किरकिरी हो सकती हैै। खंडवा, बुरहानपुर से बीजेपी को ज्यादा विधायक चुनकर आए हैं। खरगोन बड़वानी के विधायक ज्यादातर कांग्रेस से आए हैं। फिर भी खंडवा की वकालात तरीके से सांसद ने दिल्ली में अब तक क्यों नहीं की?

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