किसान को फसल उत्पादन, कृषि यंत्रीकरण तथा विपणन में सहयोग करें: श्री सुलेमान
नवभारत न्यूज
रीवा, 20 नवम्बर, कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान ने रीवा तथा शहडोल संभाग में कृषि एवं इससे जुड़े विभागों की विकास की समीक्षा की. कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि विन्ध्य का किसान बहुत मेहनती है. यहाँ बाणसागर बांध से सिंचाई सुविधा में तेजी से वृद्धि हुई है. किसान को खेती की आधुनिक तकनीक से फसल उत्पादन, कृषि यंत्रीकरण तथा फसलों के विपणन में सहयोग करें. कलेक्टर तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी साप्ताहिक बैठक में कृषि विकास से जुड़ी सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा करें. आप सबके थोड़े से प्रयास से लाखों किसानों का जीवन बेहतर हो जाएगा.
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि सहकारी बैंक के चेयरमैन के रूप में कलेक्टर कृषि यंत्रीकरण, पशुपालन तथा उद्यानिकी फसलों के ऋण प्रकरणों को प्राथमिकता से मंजूर करें. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से व्यक्तिगत मछली पालक किसानों को सहायता देकर आधुनिक तरीके से मछली पालन कराएं. मछली पालन से बहुत कम लागत में अच्छा लाभ मिल सकता है. खेती के साथ पशुपालन तथा मछली पालन करके ही खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है. श्री सुलेमान ने कहा कि प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में बीज उत्पादक समितियों तथा किसान संघों का गठन कराएं. इनके माध्यम से अच्छी गुणवत्ता के बीज तैयार कराकर किसानों को उपलब्ध कराएं. मुख्य फसलों के बीज के ब्राण्ड तैयार कराएं.
प्रदेश में खाद की कमी नही है: कृषि उत्पादन आयुक्त
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है. गत वर्ष जितनी मात्रा में खाद का उठाव हुआ था उतनी मात्रा अब तक रीवा संभाग को प्रदान की जा चुकी है. कलेक्टर खाद के वितरण की समुचित व्यवस्था करें. सहकारी समितियों को आवंटित खाद का 70 प्रतिशत प्रदान करके उसका वितरण कराएं. किसानों की भीड़ केवल विपणन संघ के डबल लाक के नकद खरीदी केन्द्र में होती है. खाद की उपलब्धता तथा वितरण के संबंध में नियमित रूप से किसानों को जानकारी दें. उप संचालक कृषि निजी विक्रेताओं के खाद के नमूने लेकर नियमित जाँच कराएं. अमानक पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करें. नरवाई प्रबंधन के संबंध में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि नरवाई जलाने पर एक ओर जुर्माना लगता है दूसरी ओर खेती की मिट्टी की गुणवत्ता खराब होती है. यदि किसान ने नरवाई जलाई तो अगले साल एक हेक्टेयर में उसे एक बोरी यूरिया तथा आधा बोरी डीएपी अतिरिक्त रूप से फसल में देना होगा. नरवाई जलाना पर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत हानिकारक है. सतना और रीवा जिले के सभी कस्टम हायरिंग सेंटरों में हैप्पी सीडर और सुपर सीडर की उपलब्धता सुनिश्चित करें. इसकी जानकारी किसान एप पर दर्ज कराएं जिससे किसान इनका सरलता से उपयोग कर सकें. बैठक में सीधी, शहडोल, रीवा तथा सतना जिले के विभिन्न हितग्राहियों व कृषकों से कृषि उत्पादन आयुक्त ने संवाद कर विभागीय योजनाओं की सफलता की जानकारी ली.
कृषि यंत्रीकरण का लाभ देने के लिये कलेक्टर करे समीक्षा: प्रमुख सचिव
बैठक में प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने कहा कि खेती को बेहतर करने के लिए कार्ययोजना बनाकर निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है. कृषि यंत्रीकरण का लाभ देने के लिए कलेक्टर लगातार इसकी समीक्षा करें. सतना जिले में 650 जीरो ट्रिल सीडड्रिल की बिक्री हुई है. इसकी जानकारी एप में दर्ज कर दें, जिससे अन्य किसान भी इनका उपयोग कर सकें. ई मण्डी तथा एमपी फार्मागेट एप के माध्यम से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए प्रोत्साहित करें. विकासखण्ड स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं तत्काल शुरू कराएं. सीधी और सिंगरौली जिलों में जिन संस्थाओं को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला की जिम्मेदारी दी गई है कलेक्टर उनका सत्यापन कराएं.
डीएपी के स्थान पर वेकल्पिक खाद उपलब्ध है: सचिव कृषि
बैठक में सचिव कृषि विभाग एम सेलवेन्द्रन ने खाद की उपलब्धता, वितरण तथा डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक खाद के उपयोग की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि डीएपी के स्थान पर यूरिया और एनपीके अथवा एसएसपी का उपयोग किसानों के के लिए अधिक लाभकारी है. बैठक में उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन, कृषि अभियांत्रिकी, दुग्ध संघ तथा सहकारिता विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई. बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन उमाकांत उमराव तथा प्रमुख सचिव उद्यानिकी अनुपम राजन ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी. बैठक में कमिश्नर रीवा संभाग बीएस जामोद, कमिश्नर शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता, संचालक कृषि अजय गुप्ता, रजिस्ट्रार सहकारिता मनोज सैयाम, अपर सचिव आलोक सिंह, रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा संबंधित विभाग के संभागीय एवं जिला अधिकारी उपस्थित रहे.