कोदो की रोटी खाने के बाद 3 लोगों की तबियत बिगड़ी

जिला अस्पताल में इलाज जारी, फूड प्वाइजनिंग की आशंका

नवभारत न्यूज

सतना 20 नवंबर. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों का पूरा कुनबा ही समाप्त हो जाने के बाद चर्चा में आए कोदो का सेवन एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया. कोदो की रोटी खाने के बाद पति-पत्नी और बेटी की हालत इस कदर बिगड़ी कि उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. चिकित्सकों द्वारा इलाज करने के साथ ही घटना के पीछे के कारण तलाशने का प्रयास किया जा रहा है.

जिले के सिंहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डिलौरी गांव के निवासी राजू कुशवाहा से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसके चाचा दयाराम कुशवाहा 58 वर्ष, उसकी चाची संखी कुशवाहा 52 वर्ष और उसकी चचेरी बहन सरोज कुशवाहा 18 वर्ष को मंगलवार की सुबह अचानक उलिटयां होने लगीं. इतना ही नहीं वे तीनों न सिर्फ ठंड से सिहरने लगे बल्कि कुछ देर बाद ही बेहोश भी हो गए. उनकी ऐसी हालत को देखते हुए उन्हें आटो में लाद कर जिला अस्पताल लाया गया. लेकिन समुचित इलाज पाने से पहले परिजनों को जिला अस्पताल में जारी अव्यवस्था से दोचार होना पड़ा. पहले तो मरीजों को अंदर ले जाने के लिए स्ट्रेचर ही नसीब नहीं हुआ. जैसे-तैसे तीनों को वार्ड में ले जाया गया तो वहां पर एक ही बेड पर मां-बेटी को लिटा दिया गया. जबकि पिता को जमीन पर ही स्थान मिल पाया. हलांकि कुछ समय बाद तीनों को बिस्तर उपलब्ध होने के साथ ही उपचार भी प्रारंभ हो गया. जारी इलाज के चलते शाम होने तक एक ओर जहां सरोज की हालत में सुधार होता नजर आने लगा. वहीं दूसरी ओर दयाराम और संखी की हालत स्थित बनी रही. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार प्रथम दृष्ट्या फूड प्वाइजनिंग का मामला समझ में आ रहा है. लेकिन ऐसा किस वजह से हुआ इसकी जानकारी जांच करने और परिजनों के माध्यम से ही सामने आ सकेगी. फिलहाल तीनों का उपचार करने के साथ ही निरंतर निगरानी की जा रही है.

कोदो की रोटी खाई

भतीजे राजू ने बताया कि उनके चाचा दयाराम खेतिहर मजदूर हैं. जिस किसान के यहां वे काम करते हैं उनके खेत से 4-5 दिन पहले कोदो बीन लाए थे. जिसे साफ करने के बाद चक्की में पिसवाया गया. इसी कोदो के आटे की रोटी चाचा, चाची और चचेरी बहन ने मंगलवार की सुबह खाई थी. जिसके कुछ देर बाद ही उनकी तबियत बिगडऩे लगी.

पहले भी हो चुकी है घटना

कोदो के सेवन से बीमार होने की घटनाएं जिले में पहले भी सामने आ चुकी हैं. ताजी घटना 10 महीने पहले जिले के पिथौराबाद में सामने आई थी. जहां पर कोदो की रोटी खाने के बाद साहू परिवार के 11 सदस्यों की तबियत बिगड़ गई थी. अस्पताल में इलाज के चलते सभी स्वस्थ्य भी हो गए. चिकित्सकों के अनुसार दरअसल कोदो एक स्वास्थ्यवर्धक अनाज होता है. लेकिन कवक से संक्रमित हो जाने पर यह कई बार विषाक्तता का कारण बन जाता है.

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