उदयपुर, 16 नवम्बर (वार्ता) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विकसित भारत का संकल्प युवाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं बताते हुए युवाओं का आह्वान किया है कि उन्हें देश की प्रगति के लिए राष्ट्र प्रथम का सूत्र अपनाना होगा। श्री धनखड़ शनिवार को यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में मोहनलाल सुखाड़िया स्मृति व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि शिक्षक ही किसी संस्थान की रीढ़ होते हैं और उन्हीं की वजह से उन संस्थानों का नाम भी होता है। उन्होंने युवा विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे देश के असली कर्णधार है। इसलिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ नवाचारों और तकनीक के साथ आगे बढ़ें।
श्री धनखड़ ने कहा “आज देश 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है और हमारी विकास दर लगभग 8 प्रतिशत है। हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर हैं। हम हर दृष्टि से ग्लोबल पावर बनने की ओर बढ़ रहे हैं। अभी वर्तमान में प्रतिवर्ष 8 नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। हर दो वर्ष में तीन से चार नई मेट्रो रेल सेवाएं प्रारम्भ की जा रही है। प्रतिदिन 28 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है और 12 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण हो रहा है। यहीं नहीं पिछले 10 वर्षों में 50 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ा गया है। प्रत्येक घर से सोलर ऊर्जा का उत्पादन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आज भारत में होने वाले डिजीटल ट्रांजेक्शन अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और जर्मनी के कुल ट्रांजैक्शन से भी अधिक हैं।
उन्होंने भ्रष्टाचार को विकास में बाधक बताते हुए कहा कि नए भारत में आज भ्रष्टाचारियों से कानूनी एजेंसियां सख्ती से निपट रही हैं। यही वजह है कि यहां कार्य करने की विपुल संभावनाएं निर्मित हुई हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारत निवेश के लिए बेहतरीन स्थान बनकर उभरा है।
इससे पूर्व सुखाड़िया विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. सुनीता मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भावी कार्ययोजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम लागू कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिब्द्धता को साबित किया है।