नयी दिल्ली 13 नवंबर (वार्ता) छोटे खुदरा व्यापारियों के राष्ट्रीय संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, जेप्टो, स्विगी जैसी क्विक कॉमर्स (क्यूसी) कंपनियाें पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का दुरुपयोग करने और देश के तीन करोड़ से अधिक किराने की दुकानों को बर्बाद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
कैट ने बुधवार को यहां क्विक कॉमर्स कंपनियों को लेकर श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें मोबाइल एप के जरिये ग्राहकों के ऑर्डर पर सामान तुरंत घर और कार्यालय तक पहुंचाने का कारोबार कर रहे क्यूसी प्लेटफॉर्म्स के कार्य प्रणाली को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गयी है। कैट ने कहा है कि यह प्लेटफार्म एफडीआई नियमों और प्रतिस्पर्धा नीति का उल्लंघन कर रही है और भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था की नींव को खोखला कर रही हैं।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने श्वेत पत्र जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा कि इन प्लेटफॉर्मस पर एफडीआई का दुरुपयोग आपूर्तिकर्ताओं पर नियंत्रण स्थापित करने, भंडारण (इन्वेंटरी) पर प्रभुत्व स्थापित करने और अनुचित मूल्य निर्धारण के लिए करने के आरोप लगाए।
श्वेत पत्र में कहा गया है कि क्यूसीप्लेटफॉर्म्स 54,000 करोड़ से अधिक की एफडीआई से समर्थित हैं और इन लोगों ने इस निवेश का उपयोग न तो बुनियादी ढांचा निर्माण में किया और न ही दीर्घकालिक परिसंपत्तियों में, बल्कि इस एफडीआई का उपयोग संचालन में होने चुहले घाटों को कवर करने, आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण रखने और कुछ चुनिदा विक्रेताओं के माध्यम से अनुचित छूट की पेशकश के लिए कर रहे हैं।
श्री खंडेलवाल ने कहा, “इन कंपनियों ने ऐसी रणनीति बनायी है कि अगर इन पर नकेल नहीं कसी गयी तो देश के तीन करोड़ किराना स्टोर्स लगभग बर्बाद हो जायेंगे। ये प्लेटफार्म छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेलने का काम कर रहे हैं।”
इस अवसर पर कैट के राष्ट्रीय चेयरमैन बृज मोहन अग्रवाल, ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (एआईएमआरए) के चेयरमैन कैलाश लख्यानी तथा प्रधान अरविंदर सिंह, कैट के दिल्ली शाखा के अध्यक्ष विपिन आहूजा और कैट के संयुक्त महासचिव सुमित अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
श्री खंडेलवाल ने कहा है कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी क्विक कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। वह क्विक कॉमर्स कंपनियों पर नियमों का शिकंजा लगाने के लिए श्री गोयल से मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह आगामी संसद सत्र के दौरान लोकसभा में इस मुद्दे को उठाएँगे और सरकार से देश के करीब तीन करोड़ किराना स्टोर्स के अस्तित्व का बचाने के लिए कारगर कदम उठाने की गुजारिश करेंगे। कैट ने श्वेत पत्र में बताया गया है कि कैसे क्यू कंपनियां एफडीआई नीति और भारत के प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन कर रही हैं। श्वेत पत्र के अनुसार इन उल्लंघनों के साथ-साथ पारदर्शिता की कमी न केवल छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि संपूर्ण खुदरा पारिस्थितिकी तंत्र भी विकृत हो रही है। कैट ने नियामक निकायों से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, ताकि क्यूसी प्लेटफॉर्म निष्पक्ष प्रथाओं का पालन करें और छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा की जा सके।
श्री गोयल ने कहा कि किराना स्टोर्स के मालिक क्विक कंपनियों के साथ काम करने के लिए तैयार है, लेकिन वे हमारे स्टोर्स से सामान खरीदें और ग्राहकों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि ये अनुचित व्यापारिक कार्य किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।