नयी दिल्ली , 07 सितंबर (वार्ता) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश के इंजीनियरिंग उद्योग को धरती के स्वस्थ एवं टिकाऊ भाविष्य के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ काम करने के साथ साथ आपूर्ति श्रृंखलाओं की मजबूती और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया है।
श्री गोयल ने भारत को इंजीनियरिंग निर्यात के एक पावरहाउस में बदलने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि देश विकसित भारत लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। श्री गोयल बुधवार शाम यहां भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) के 70वें स्थापना वर्ष समारोह का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर ईईपीसी इंडिया के लोगो का अनावरण भी किया। कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी उपस्थित थे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान देश में कारोबार करने वाले के लिए अनुपालन का बोझ को कम करने और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कानूनों को गैर-अपराधी बनाने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। श्री गोयल ने कहा, “विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए इंजीनियरिंग बिरादरी को एक टिकाऊ भविष्य के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ-साथ लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं और वस्तुओं के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने ईईपीसी इंडिया को एक आदर्श निर्यात संवर्धन परिषद बताते हुए कहा कि इस संगठन ने भारत में इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में इसके योगदान के लिए संगठन की सराहना की। उन्होंने कहा कि चाहे मोबिलिटी हो, कैपिटल गुड्स (यंत्र-उपकरण विनिर्माण)सेक्टर हो या इस्तपा उद्योग ईईपीसी इंडिया ने देश की क्षमताओं के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अगले पांच-छह वर्षों में 300 अरब डॉलर के निर्यात तक पहुंचने के ईईपीसी इंडिया के लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य दुनिया के सामने नए भारत के साहस और दृढ़ विश्वास को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट’ के मंत्र का हवाला देते हुए उन्होंने जोर दिया कि गुणवत्ता और स्थिरता दुनिया के सामने भारत को परिभाषित करने जा रही है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कार्यक्रम में कहा कि परिषद इंजीनियरिंग निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक निकाय के रूप में भारत के इस क्षेत्र की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करने, अनुकूल नीतियों की वकालत करने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नेविगेट करने में सदस्यों की सहायता करने के प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि ईईपीसी इंडिया की सदस्यता पिछले दशकों में काफी बढ़ी है, जो 1955 में केवल 40 से 2024 में 9,500 सदस्यों तक पहुँच गई है।