कुक्षी। कहने को तो यहां बड़ा सिविल हॉस्पिटल होकर डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाप व आवश्यक संसाधन भी मौजूद है.बावजूद इसके क्षेत्र के मरीजों को व्याप्त व्यवस्थाओं के साथ अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर इमरजेंसी व्यवस्था तो दूर जो सेवाएं निरंतर मिलना चाहिए वह सेवा भी प्रदाय करने में अस्पताल प्रशासन असहाय नजर आ रहा था.मौजूद स्टाप कर्मीयों के नदारत रहने से मरीज व उनके परिजनों को डॉक्टर और ड्रेसर को ढ़ूढ़ने के लिए भी बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा.शनिवार दीपावली की पड़वा पर समीपस्थ ग्राम कवड़िया खेड़ा के रहवासी हीरालाल बघेल को यूरिन संबधित समस्या होने पर परिजन उन्हें सुबह पांच बजे हॉस्पिटल लेकर आए किन्तु 9 बजे तक डॉक्टर व स्टाप कर्मियों के अस्पताल उपस्थित नही होने से यूरिन नही होने की समस्या से पीड़ित मरीज के साथ उनके परिजनों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा.पेसेंट के साथ आयी उनकी बेटी रितु बघेल ने बताया की पांच घंटे बीत जाने के बाद उपचार के लिए यहां कोई मौजूद नही है और उन्हें ढूंढने लिए यहां वहां चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है. यही स्थिति स्थिति ड्रेसिंग रूम में भी दिखाई दी जहाँ एक्सीडेंटल घायल मरीजों को कोई टाके पट्टी बाँधने वाले ड्रेसर को भी घायल को ही ढूंढना पड़ रहा था.नगर के प्रमुख किराणा व्यवसायी दीपक गुप्ता ने बताया की मेरी माताजी को पैर में चोट लगने पर पट्टी के लिए अस्पताल लाया गया तो ड्रेसिंग रूम में घायल परेशान मरीजों की भीड़ लगी हुई थी ज़ब दूसरे रूम में कार्यरत नर्स के पूछने पर बताया की की ऊपर अभी डॉक्टर साहब का जन्मदिन मनाया जा रहा बस सभी कर्मी आते ही होंगे थोड़ी देर में व्यवस्था सुचारु हो जाएगी.सबसे महत्वपूर्ण यह है की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में विस्तार के साथ गरीबों को आसानी के साथ इलाज उपलब्ध हो इसके लिए अनेक योजनाओं के साथ प्रचार प्रसार भी खूब कीया जा रहा किन्तु अस्पताल प्रशासन की लचर व्यवस्था सरकार के उद्देश्य पर पानी फेरते दिखाई दे रही.
You May Like
-
3 weeks ago
बोलेरो ने कुचला, तीन गंभीर