नयी दिल्ली 08 अप्रैल (वार्ता) सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर खतरों के प्रभावशाली आकलन,स्पष्ट रणनीति क्षमताओं की पहचान , नीति बनाने, पुख्ता तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के भीतर उचित जवाबी कार्रवाई के लिए तीनों सेनाओं की कार्यप्रणाली में तालमेल के महत्व पर जोर दिया है।
जनरल पांडे ने सोमवार को लमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में 79 वें स्टाफ कोर्स के संकाय और अधिकारियों को संबोधित किया जिनमें मित्रवत देशों के 36 अधिकारी भी शामिल थे।
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, भू-रणनीतिक परिदृश्य, उभरते परिदृश्य और सेना में सुधार संबंधी पहलों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी।
भविष्य के युद्धों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विघटनकारी प्रौद्योगिकियां पारंपरिक युद्ध को नया आकार दे रही हैं।
उन्होंने अंतरिक्ष, साइबर, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और सूचना सहित नए डोमेन में युद्ध के विस्तार पर चर्चा की।
वैश्विक मंच पर भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने रणनीतिक क्षितिज के विस्तार में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने रणनीतिक संतुलन का आह्वान करते हुए रक्षा क्षमताओं में मजबूती और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया।
जनरल पांडे ने अधिकारियों से सेना में चल रहे परिवर्तन को आगे बढ़ाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने उनसे संगठनात्मक हितों को हमेशा सर्वोच्च रखते हुए व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए कहा।