त्योहारों पर कहीं भारी न पड़ जाए लापरवाही
जबलपुर। त्योहारों के निकट आते ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जैसी सार्वजनिक स्थान पर आम लोगों की दौड़ भाग बढ़ चुकी है। जिसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व भी सतर्क हो गए हैं। लेकिन मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 6 पर यात्रियों की जांच अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। नगर का मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 6 भी प्लेटफार्म क्रमांक 1 के जैसी समस्या का शिकार हो रहा है। प्लेटफार्म के मुख्य द्वार पर सुरक्षा जांच के लिए कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं रहता है। इस प्लेटफार्म में दाखिल होने के लिए तीन गेट मौजूद है। मुख्य गेट के साथ अन्य दो प्रवेश और निकासी द्वारों पर ना तो आरपीएफ मौजूद रहती है और ना ही प्लेटफार्म टिकट जांचने वाले टीटीई। समान स्कैनिंग की मशीन जैसे अन्य सुरक्षा के उपकरण मौजूद तो रहते हैं लेकिन अधिकारियों की न मौजूदगी के कारण कोई इनको तवज्जो नहीं दे रहा है।
कुर्सी डालकर बैठे जिम्मेदार
ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के अलावा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर असामाजिक तत्वों की भी मौजूदगी बनी रहती है। कारण है इन पर लगाम कसने वाले आरपीएफ का दल दूर कुर्सी डाले बैठे रहते है। साथ ही स्टाफ की कमी के चलते टीटीई द्वारा प्लेटफार्म टिकट की जांच भी ठीक ढंग से नहीं की जा रही है। जिसका फायदा उठाकर यह असामाजिक तत्व दिन भर रेलवे स्टेशनो पर इधर-उधर घूमते रहते हैं।
रैंप तक पहुंच रहे ऑटो चालक
ऑटो चालकों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह एक और छह नंबर प्लेटफाॅर्म पर बने रैंप पर बेरोकटोक पहुंच रहे हैं और लोगो पर जोर अजमाते है। यह ऑटो और रिक्शा चालक बेफिक्र होकर स्टेशन परिसर में इसलिए घूमते हैं क्योंकि यहां न तो आरपीएफ होती है और न ही कोई अन्य जांच के लिए मौजूद रहता है।
इनका कहना है
स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार पर सुरक्षा बल मौजूद रहता है एवं सभी की सघन जांच की जाती है।
डॉ. मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम, पश्चिम मध्य रेल