मालवा- निमाड़ की डायरी
संजय व्यास
विधान सभा और लोक सभा चुनावों में पार्टी की किरकिरी देखने के बाद प्रदेश कांग्रेस का पूरा फोकस संगठन को मजबूती देने पर है. इसीलिए निष्क्रिय लोगों की बजाए उसने प्रदेश की नई कार्यकारिणी में ऐसे लोगों को लिया है जो लगातार सक्रिय रहे, पार्टी के कार्यक्रमों, धरना-प्रदर्शनों में शामिल होते रहे, पार्टी नीति पर मुखरता से बोलते रहे है. मालवा-निमाड़ अंचल में कमलनाथ के खास दाएं-बाएं नेता पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व मंत्री और एआईसीसी के सचिव रह चुके बाला बच्चन को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की नवीन कार्यकारिणी में कोई खास तवज्जो नहीं मिली. जातीय और क्षेत्रीय संतुलन की वजह से जरूर उन्हें स्थाई आमंत्रित सदस्यों में शामिल कर लिया गया है. इसे कमलनाथ के भाजपा जाने की चर्चाओं के दौरान इनका उस समय पार्टी के प्रति डावांडोल होना तथा दिग्विजय सिंह की नापसंदगी और चुनावों में कमजोर प्रदर्शन को कारण माना जा रहा है. जबकि नई कार्यकारिणी में इनसे जूनियर अंचल के कई नेताओं को सम्मानजनक पद दिए गए हैं. यहां तक कि कांग्रेस छोड़ निर्दलीय विधायक रह चुके बुरहानपुर के सुरेंद्र सिंह शेरा और जयस संरक्षक मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा को भी महासचिव पद दिया गया है. इनके अतिरिक्त झूमा सोलंकी, रवि जोशी, सचिन यादव और सुरेंद्र हनी बघेल को उपाध्यक्ष बना दिया गया है. वहीं अंचल से हर्ष विजय गहलोत, विक्रांत भूरिया, विनय बाकलीवाल, विपिन वानखेड़े, माया राजेश त्रिवेदी, मृणाल पंत, प्रताप ग्रेवाल को भी महासचिव बनाकर मान दिया गया है. वैसे बाला बच्चन तो सज्जन माने जाते हैं, पर विगत चुनावों में उनका क्षेत्र में प्रदर्शन अच्छा न रहना आड़े आ गया. वहीं सज्जन वर्मा का अपने ही वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बड़बोलापन उन्हें उचित महत्व न दिए जाने का कारण माना जा रहा है.
खरगोन-धार की बल्ले-बल्ले
कांग्रेस की प्रदेश कर्यकारिणी में निमाड़ अंचल के खरगोन- धार की बल्ले-बल्ले हो गई. खरगोन जिले से तीन उपाध्यक्ष, एक महासचिव तथा एक कार्यकारी सदस्य बनाकर पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है. उपाध्यक्ष के रूप में पूर्व विधायक रवि जोशी, विधायक सचिन यादव तथा विधायक झूमा सोलंकी को नियुक्त किया गया है. इनके अलावा अनीस मामू को महासचिव तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव को कार्यकारी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है. इसमें अरुण यादव और सचिन यादव दोनों भाई जगह पा गए हैं. इसी तरह समीप के जिले धार का भी दबदबा दिखाई दे रहा है. धार जिले के निमाड़ी क्षेत्र मनावर, गंधवानी, सरदारपुर, कुक्षी को पर्याप्त महत्व मिला है. यहां से उमंग सिंघार, प्रताप ग्रेवाल, सुरेंद्र सिंह हनी बघेल, हीरालाल अलावा शामिल किए गए हैं. क्षेत्र में इन्होंने तगड़ी पकड़ बनाई हुई है.
लम्बे अंतराल के बाद गेहलोत परिवार को मौका
लम्बे अंतराल के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन में रतलाम जिले के सैलाना क्षेत्र को बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है. वर्षों से सैलाना विधान सभा में कांग्रेस का दबदबा बनाए रखने वाले गेहलोत परिवार को कार्यकारिणी में मौका दिया गया है. हालांकि उनके इस गढ़ में गत विधान सभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने सेंध लगा दी. बाप के प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार ने इसमें हर्ष विजय गेहलोत को अप्रत्याशित मात दी थी. इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने क्षेत्र के पूर्व विधायक हर्ष विजय गेहलोत को महासचिव बनवाकर गेहलोत परिवार से अपने नजदीकी संबंध का अहसास कराया.