आगामी त्यौहारों को देखते हुए शहर के सफाईकर्मियों ने हड़ताल की समाप्त

झुका नगर प्रशासन, हडताल में नही दिखे तथाकथित स्वच्छता एंबेसेडर

महेश राठौर

झाबुआ। स्थानीय नगरपालिका परिषद् के सफाई कामगारों द्वारा विगत डेढ़ वर्ष से वेतन समय पर जमा नहंी होने संबंधी समस्या आने तथा वर्तमान में 2 माह का वेतन पेडिंग होने से 14 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रहीं थी, जो 22 अक्टूबर को दोपहर बाहर से आई नगरपालिका की भोपाल से आई डेलीगेशन टीम, नपा अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं पार्षदों से चर्चा उपरांत शहरहीत को ध्यान में रखते हुए तथा आगामी त्यौहारों के मद्देनजर समाप्त कर दी है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष कालिया नाडि़या बसोड़ एवं जिला सचिव राजू डामोर ने बताया की 14 अक्टूंबर से शहर के सभी स्थायी एवं अस्थायी 150-200 सफाई कामगार वेतन समय पर नहीं मिलने को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे गए थे, सभी सफाई कामगार नगरपालिका कार्यालय के सामने टेंट लगाकर हड़ताल पर बैठे रहे। इस बीच सफाई कामगारों द्वारा अपनी मांगों को लेकर रैली निकालने के साथ नारेबाजी कर अपनी आवाज को बुंलद किया। उधर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से लगातार शहर मंें सड़कों एवं नाले-नालियों की सफाई नहंी होने तथा प्रातःकाल सफाई वाहन नहीं आने से जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर और गंदगी का अंबार सहज ही देखने को मिल रहे थे, जिससे नगर के कई वार्डो के रहवासी बीमारी की चपेट में भी आ गये थे। गली, मोहल्लों और कालोनियों में पसरी गदंगी को लेकर रहवासी जिम्मेदारों को भी कोस रहे थे।

झुका नगर प्रशासन, नही दिखे तथाकथित स्वच्छता एंबेसेडर

स्वच्छ व्यवहार स्वच्छता संस्कार का नारा देने वाली तिप्पल इंजन सरकार (नपा सहित) के दावे के सफाईकर्मियों की हडताल ने धागे खोलकर रख दिये। महज साढे आठ दिन झाटू खूटी पर टांगने के कारण शहर सडान और बदबू की चेंबर में तब्दली हो गया था, नगरपालिका प्रशासन के बहुतेरे प्रयासों के बाद भी सफाईकर्मियों की हडताल हप्तेभर से अधिक खीच गई, आम दिनों में झाडू पकडकर फोटो खिचवाने वाले तथाकथित स्वच्छा एंबेसेडर नौटकीबाज नेता हडताल की आपातकाल स्थिति में पता नही किस बील में उतर गये थे, उनकी सही जरूरत तो इन साढे आठ दिनों में थी जब समूचा शहर गंदगी से बजबजा रहा था। बताते है कि सफाईकर्मियों के सामने समस्या बहुत विकट थी, तीन महिने से उन्हंे अपनी जी तोड मेहनत के बदले नगद नारायण के दर्शन नही हुए थे, उन्हें पेट पर पत्थर बांधकर काम करना पड रहा था। वह यह भी बर्दाश कर जाते परंतु बच्चों की पेट की आग का क्या करते, तो मजबूरन उन्हें हडताल पर उतरना पडा, नतिजा स्वच्छता का डिंडोरा पिटने वाला नगर प्रशासन घुटने पर आ गया। इस माह की 25 तारीख पहला व अगले माह की 15 तारीख तक दुसरा वेतन दिये जाने की शर्त के साथ सफाईकर्मियों ने फिर झाडू उठाई। इस दौरान स्थितियां यह बन गई थी कि सफाईकर्मियों का गुस्सा और मनोबल इतने उफान पर था कि नगरपालिका का सारा गर्दा साफ हो जाता। खेर यह झाबुआवालों के लिए राहत की खबर है कि सफाईकर्मी तत्परता से काम पर लौट आये है और कुछ ही समय के कई इलाकों की गंदगी साफ कर दी। अब सफाई का त्यौहार दीपावली सुकुन से मनाई जा सकेगी।

22 झाबुआ-1- शहर में इस तरह जगह-जगह लगे थे कूड़ा-करकट के ढेर

22 झाबुआ-2- काम पर लौटे सफाईकर्मी

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