बेंगलुरू (वार्ता) भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच गौतम गंभीर ने कहा कि मौजूदा दौर में एक ही तरह से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकते, आप आक्रामकता, मजबूत इरादे और बैजबॉल से खेेंलेगे तभी मैच में परिणाम मिलेगा और आपका विकास होगा।
भारतीय कोच गंभीर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट से पहले बेंगलुरु में कहा, “हम ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो एक दिन में 400 रन बना सके और टेस्ट ड्रॉ करने के लिए दो दिन तक बल्लेबाजी कर सके। इसी को आप विकास कहते हैं, इसे ही आप अनुकूलन कहते हैं और इसे आप टेस्ट क्रिकेट कहते हैं। यदि आप केवल एक ही तरीके से खेलते हैं, तो विकास नहीं होता।”
उन्होंने कहा, “अंतत: हमारा पहला मकसद मैच जीतना है और फिर अगर ऐसी स्थिति आती है जहां टीम को ड्रॉ के लिए खेलना हो, तो हमें वह विकल्प भी खुले रखने होंगे। यही वह विचारधारा है, जिसके साथ हम टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग आक्रामक हों, हम चाहते हैं कि लोग मैदान पर जाकर अपना स्वाभाविक खेल खेलें। अगर वे एक दिन में 400-500 रन बना सकते हैं, तो क्यों नहीं हम इसी तरह खेले। अधिक जोखिम, अधिक इनाम, अधिक जोखिम, अधिक असफलता। ऐसे दिन भी आएंगे जब हम 100 रन पर सिमट जाएंगे, लेकिन हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करते रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं विश्व क्रिकेट की बात नहीं कर सकता। हर टीम की अपनी विचारधाराएं होती हैं, टेस्ट क्रिकेट खेलने के अपने तरीके होते हैं। मैं केवल अपनी टीम की बात कर सकता हूं। यदि हम कभी ऐसी स्थिति में होते हैं, जहां हमें टेस्ट ड्रॉ करने के लिए दो दिन तक बल्लेबाजी करनी पड़े, तो हमारे ड्रेसिंग रूम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो दो दिन तक बल्लेबाजी कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम इसी तरह से खेलकर देश के लोगों का मनोरंजन करना और टेस्ट क्रिकेट में किसी भी स्थिति में परिणाम हासिल करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड का सामना करना एक पूरी तरह से अलग चुनौती है। हम जानते हैं कि वे बहुत ही अच्छी टीम हैं। उनके पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन हम किसी से डरते नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “मैंने कई बार कहा है कि हम हमेशा हर विपक्षी टीम का सम्मान करेंगे। हम निःस्वार्थ रहना चाहते हैं। हम मैदान पर आक्रामक हो सकते हैं लेकिन जब मैच खत्म हो जाए, तो हम जितने हो सके विनम्र बनना चाहते हैं।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “देखिए, पहली बात यह है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जून 2025 में है। और दूसरी बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच 22 नवंबर को है। अभी हमारे दिमाग में केवल आगामी टेस्ट सीरीज है और कुछ नहीं।”
उन्होंने कहा, “जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, तो आप यह नहीं सोचते कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पांच टेस्ट मैचों के लिए कैसे तैयारी करनी है या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए कैसे तैयारी करनी है। अभी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 16 नवंबर को सुबह साढ़े नौ बजे के लिए तैयार होना। यह अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि आप इतनी दूर की नहीं सोचते।
उन्होंने कहा, “जो भी मैच आप अपने देश के लिए खेलते हैं, आप उसे जीतने का प्रयास करते हैं, चाहे विपक्षी टीम कोई भी हो, चाहे प्रतिद्वंद्वी कोई भी हो, और चाहे वह सीरीज किसी भी स्थिति हो। चाहे न्यूजीलैंड हो या ऑस्ट्रेलिया, हम हर मैच में अपने देश के लिए जीतने का प्रयास करेंगे।”
भारतीय कोच ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि हम किसी को बाहर नहीं रखते, हम केवल उसी एकादश का चयन करते हैं जो हमारे लिए काम कर सके। और निश्चित रूप से हमारे पास बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, केवल कुलदीप ही नहीं, हमारे पास और भी बहुत कई क्वालिटी गेंदबाज और खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा, “अंतिम एकादश परिस्थितियों पर निर्भर करती है, विकेट पर निर्भर करती है, और विपक्षी टीम पर भी निर्भर करती है। हमारे ड्रेसिंग रूम की सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास कई उच्च गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं। हम उनमें से किसी को भी चयन कर सकते हैं और हमें पता है कि वे हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। यही सबसे अच्छी बात है। इसी को हम गहराई कहते हैं। हम कल विकेट का निरीक्षण करेंगे। मैं तथा रोहित बात करेंगे और देखेंगे कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में कौन सा संयोजन कारगर साबित हो सकता है।”