सीहोर के दस लाख से अधिक मतदाता चुनेंगे तीन सांसद

यहां से चुने सांसद महामहिम राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे
तीन लोकसभा सीटों पर जीत हार का फैसला करते हैं वोटर

सीहोर:देश के हृदयस्थल मध्यप्रदेश का सीहोर जिला संभवत: ऐसा पहला जिला है जिसके मतदाता देश की संसद के लिए तीन सांसदों को चुनते हैं. यहां से चुने गए सांसद स्व. शंकरदयाल शर्मा ने राष्ट्रपति पद का सफर तय किया है. इस लोकसभा चुनाव में जिले की तीनों संसदीय क्षेत्र भोपाल, बुधनी और देवास के 10 लाख 6 हजार 611 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर तीन सांसद चुनेंगे.

सीहोर जिले की चारों विधान सभाएं अलग अलग लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं, और वर्तमान में यह चारों विधानसभाएं भाजपा के कब्जे में हैं. जिले के मतदाता तीन लोकसभा सीटों को जिताने हराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं.

सीहोर जिले में चार विधानसभा सीट रखने वाला सीहोर जिला कभी भी स्वतंत्र रूप से लोकसभा सीट का मालिक नहीं बन सका है, लेकिन इस जिले के 10 लाख से अधिक ऐसे मतदाता हैं जो प्रदेश को तीन लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करता आया है. यह लोकसभा सीटें हैं भोपाल, विदिशा, एवं देवास. इन लोकसभा सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने- अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. उल्लेखनीय है कि सीहोर जिले की चारों विधानसभा सीट क्रमश: सीहोर, आष्टा, इछावर एवं बुधनी अभी भाजपा के हाथों में है. यहां से भाजपा के प्रत्याशी विधायक के चुनाव जीते हैं.

ये कर चुके हैं नेतृत्व

वहीं, एक बात और बता दें कि भोपाल लोकसभा सीट ऐसी सीट है कि जहां से बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें अनेक लोगों ने जहां लगातार जीत का स्वाद चखा हैं तो कई ने हार का सामना भी किया है. देश के राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नवाब मंसूर अली खान पटौदी, भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती चुनाव लड़ चुकी हैं. इतिहास की बात करें तो भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस 1952 से लगातार 1970 तक जीत हासिल कर चुकी है. इसके बाद 1989 से भाजपा 1999 तक लगातार विजयी होती रही.

कायस्थ समाज का रहा दबदबा

गौरतलब है कि भोपाल लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदाता कायस्थ समाज से हैं. इस समाज से ताल्लुक रखने वाले सुशील चन्द्र वर्मा 1989 से 1999 तक चार बार सांसद रहे. लेकिन कांग्रेस विरोधी लहर में 1977 के चुनाव में जनता दल के आरिफ बेग यहां से विजयी रहे. 1980 में देश के राष्ट्रपति रहे शंकर दयाल शर्मा दो बार लोकसभा पहुंचे. 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशी के एन प्रधान सांसद चुने गए थे.

35 सालों से लगातार भाजपा का कब्जा

भोपाल सीट पर 1989 से लगातार भाजपा का कब्जा है. 1999 में यहां से फायर ब्रांड नेता उमा भारती चुनाव में विजयी रही थी. वर्ष 2004 में भाजपा ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को भाजपा से टिकट दिया. कैलाश जोशी दो बार विजयी रहे. इसके बाद आलोक संजर यहां से सांसद बने फिर गत चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया. आने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने भोपाल विधानसभा सीट से जहां आलोक शर्मा को टिकट दिया है वहीं देवास लोकसभा सीट से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि विदिशा संसदीय सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम की घोषणा की गई है. तीनों लोक सभा सीट के लिए सीहोर जिले के चारों विधानसभा बार 10 लाख 6 हजार 611 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.

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