सिंगरौली :सरकारी पाठ्य पुस्तकों के कबाड़ी के हाथ बेचे जाने के मामले में मुख्य सरगना बर्खास्त बीआरसीसी सियाराम भारती का एक और षड़यंत्र व साजिश नाकाम हो गया। वायरल ऑडियों के बाद अब बर्खास्त बीआरसीसी की एक के बाद एक काले कारनामा व साजिश का पर्दाफास धीरे-धीरे होने लगा है।गौरतलब हो कि 2 सितम्बर को कोतवाली पुलिस ने कचनी में एक पिकअप वाहन व कन्टेनर को गस्त के दौरान पकड़ा था। जहां करीब 200 बंडल सरकारी नि:शुल्क कक्षा 1 से 8वीं तक के वितरण कि जाने वाली पुस्तके थी और इन पुस्तको को यूपी उन्नाव जिले के एक कबाड़ी को बेच दिया था।
आरोप है कि चितरंगी बीआरसीसी सियाराम भारती ने कबाड़ी के हाथ बेचा था। जांच उपरांत मिशन संचालक व कलेक्टर ने बीआरसीसी को जहां बर्खास्त कर दिया था। वही डीईओ एसबी सिंह ने हेड मास्टर रामेश्वर जायसवाल व ब्लॉक पुस्तक प्रभारी बीएसी शिवकुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया। वही कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के निर्देश पर उक्त तीनों के खिलाफ कोतवाली बैढ़न में अपराध भी पंजीबद्ध है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि जिस दिन कोतवाली पुलिस ने उक्त वाहन को पुस्तकों के साथ पकड़ा था। तभी बर्खास्त बीआरसीसी ने सारा ठिकरा बीएसी पर फोड़ने के लिए षड़यंत्र रचा। उस दौरान बीआरसीसी ने बीएसी को फोन लगाकर तूर्रा विद्यालय में डम्प किताबों को अन्य जगह फे कने की सलाह दे रहा। इसके पीछे षड़यंत्र की बू थी।
बीआरसीसी के झांसे में नही आए ब्लॉक पुस्तक प्रभारी
एक ऑडियों इन दिनों शोसल मीडिया में वायरल हो रहा है। हालांकि नवभारत इसकी पुष्टि नही करता। लेकिन निलंबित बीएसी के परिजन बतातें हैं कि बर्खास्त बीआरसीसी षड़यंत्र एवं साजिश के तहत फसाने का दिमाग लगाया था। ताकि किताब कबाड़ियों के हाथ बेचने का पूरा ठिकरा बीएसी व ब्लॉक पुस्तक प्रभारी पर फोड़ दिया जाए। उसने तूर्रा विद्यालय से किताबों को लोड करने के लिए फोन से निर्देश दे रहे थे। ताकि बीएसी को रंगे हाथ पकड़ा दिया जाए और अपने आप को बेदाग साबित करने का मौका मिल जाए।