चौथे पुल के दोनों ओर सजा मैकेनिक बाजार
जबलपुर। अवैध
अतिक्रमणकारियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के फुटपॉथ, उद्यानों के साथ-साथ अब इन अतिक्रमणकारियों ने रेलवे की जमीन भी हथियाकर उसमें अपना प्रतिष्ठान खोल लिया है। यह नजारा चौथे पुल के दोनों ओर देखा जा सकता है। पुल के दोनों ओर की भूमि पर मैकेनिक गण, वाहनों को क्रय- विक्रय करने वालों के साथ-साथ वॉशिंग सेंटर खुल गये हैं, जिसके कारण रेल पंथों से सटकर यह अवैध बाजार चलाया जा रहा है। जिसके चलते कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है। इतना ही नहीं एक दुकान से दूसरी दुकान जाने के लिये व्यापारियों के साथ-साथ आम लोग भी रेल पथों को पार कर रहे है जो कभी भी खतरनाक साबित हो सकता है।
रेलवे के खंभे गाड़ दिये
चौथे पुल के दोनों ओर रेलवे विभाग ने अपनी भूमि नाप कर इसमें खंभे गाड़ दिये थे। बावूजद इसके अवैध अतिक्रमणकारियों ने अपना बाजार एक लाइन से सजाकर रखा है। न ही निगम प्रशासन इन पर कार्यावाही करता है और न ही रेलवे विभाग तरफ से कोई उचित कदम उठाया जाता है। इन अवैध अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन को जल्द से जल्द कार्यावाही कर रेलवे क ी जमींन को कब्जे से मुक्त करवाना चाहिए।
इनका कहना है-
इस मामले में जांच करवाकर उचित कार्यावाही की जायेगी।
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे
कचरे में तब्दील होता कचरा वाहन
जबलपुर। चौथे पुल से सदर गन चौक की ओर जाने वाले मार्ग किनारे बने फुटपॉथ पर डोर टू डोर कचरा वाहन लावारिस हालत में खड़ा कर छोड़ दिया गया है। जानकारों की मानें तो यह वाहन पिछले 25 दिनों से यहीं लवारिस हालत में खड़ा हुआ है। कचरे घर का कचरे समेंटने आये वाहन खुद ही कचरें में तब्दील हो गया है। नगर प्रशासन की लापरवाही के चलते यह वाहन बीच फुटपॉथ पर खड़ा कर छोड़ दिया गया है। न ही निगम की तरफ से इसकी मरम्मत की गई और ना ही इसक ो उठाकर गैराज ले जाया गया।
लोगों को होती असुविधा
सदर मुख्य मार्ग की ओर जाने वाली सडक़ के किनारे बने फुटपॉथ पर इस तरीके से बन्द पड़ा कचरा वाहन खड़े रहने के कारण आमजनों को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की मानें तो कई दिनों से कचरा उठाने वाला वाहन भी दिखाई नहीं दे रहा है जो वाहन कचरा उठाने के लिये आता था वह खुद ही लाचार हो गया है। इस तरह से कचरा वाहन फुटपॉथ पर खड़े रहने के कारण सुबह – शाम सैर करने वाले लोगों को मुख्य सडक़ का सहारा लेकर चलना पड़ रहा है।