नयी दिल्ली 12 सितंबर (वार्ता) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और नौसेना ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से छोटी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का गुरुवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि यह उड़ान परीक्षण एक भूमि-आधारित ऊर्ध्वाधर लांचर से किया गया था, जो कम ऊंचाई पर उड़ रहे उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को लक्षित करता था। मिसाइल प्रणाली ने सफलतापूर्वक लक्ष्य का पता लगाया और उसे भेद दिया।
इस परीक्षण का उद्देश्य प्रॉक्सिमिटी फ्यूज और सीकर सहित हथियार प्रणाली के कई अद्यतन तत्वों को मान्य करना था। सिस्टम के प्रदर्शन को आईटीआर चांदीपुर में तैनात रडार इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे विभिन्न उपकरणों द्वारा सावधानीपूर्वक ट्रैक और पुष्टि की गई थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और नौसेना की टीमों की सराहना करते हुए कहा है कि यह परीक्षण इस मिसाइल प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता की पुष्टि करता है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने भी इसमें शामिल टीमों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी तथा बल गुणक के रूप में काम करेगी।