जबलपुर: नगर में जितना अधिक विकास हो रहा है, सडक़ें चौड़ी हो रही हैं उतना ही लोग अतिक्रमण कर रास्तों को छोटा करते जा रहे हैं। यही हाल शिवाजी ग्राउंड सदर से तीसरे पुल की ओर जाने वाले मार्ग पर रोज देखा जा रहा है छावनी क्षेत्र होने के बाद भी इन इलाकों में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। सडक़ों के किनारे इतने छोटे हो गए हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो गया है। कहीं भी किसी इलाके को देखें तो सबकी हालत अतिक्रमण से खराब है। तीसरे पुल में अतिक्रमण करके मार्ग को इतना संकीर्ण कर दिया है कि हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन, बस ऑटो विक्रेताओं के ठेले चलना भी मुश्किल हो रहा है ।पैदल चलने वालो को तो रास्ता ही नहीं मिल पाता है। वही सिविक सेंटर और राइट टाऊन जैसे इलाकों के फुटपाथ पर भी सामान लगाया जा रहा है।
जहां मर्जी वहां लग रही दुकानें
आज कल हालत यह है कि जिस रास्ते से गुजरो उधर ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है । अतिक्रमण कारियों को तो किसी का भय ही नहीं है। सार्वजनिक स्थान तो मानो जैसे इनकी संपत्ति हो गए है। कहीं भी अस्थाई दुकानों का निर्माण कर लिया जाता है इनके प्रति प्रशासन जब सजग होकर इनके घर, दुकान या ठेले हटवाने की मुहिम छेड़ता है तो ये आंदोलन पर उतर आते है। वाहन पार्किंग में दुकानों का निर्माण कार्य का होते रहना चिंता का विषय बन गया है। तकलीफ देखने वाले जिम्मेदारो को भी होती है लेकिन वह भी मजबूर हो जाते है। सडक़ों के दोनों ओर अपना अधिकार मानकर कब्जा किए रहना, और पूर्ण विश्वास के साथ अपना व्यवसाय चलाना दिखता है कि अतिक्रमणकारियों कितने बेफिक्र हैं।