अमृतसर, 10 अगस्त (वार्ता) उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में मत्था टेका और अपना सम्मान व्यक्त किया।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुये यात्री पुस्तिका में लिखा कि स्वर्ण मंदिर में प्रार्थना करने का सपना सच हो गया है। देश और मानवता की सेवा के लिये यहां प्रार्थना कर पाना एक धन्य क्षण है।
इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने उन्हें सचखंड श्री हरमंदिर साहिब का स्वर्णिम मॉडल, सिरोपा (अंगवस्त्र) और ऐतिहासिक पुस्तकों का एक सेट देकर सम्मानित किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सिखों के खिलाफ किये जा रहे नफरत भरे प्रचार को रोकने के लिये एक मांग पत्र सौंपा।
एडवोकेट धामी ने कहा कि सिखों ने भारत देश के लिये महान बलिदान दिया है, लेकिन कुछ शरारती लोग जानबूझकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सिख सिद्धांतों, इतिहास, नैतिकता और पहचान के बारे में घृणास्पद टिप्पणियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पिछले दिनों शिरोमणि कमेटी की आम बैठकों के दौरान प्रस्ताव पारित करके भारत और राज्य सरकारों को भेजा गया है, लेकिन सिखों के खिलाफ नफरत की घटना लगातार जारी है। सरकारें भी इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं।
अधिवक्ता धामी ने मुख्य न्यायाधीश से भारतीय न्याय व्यवस्था में सर्वोच्च पद पर रहते हुये इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया।