गुरू-शिष्य परम्परा से ही सही मायनों मे होगा शिक्षा का विकास

भोपाल, 05 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि भारत में गुरू-शिष्य की गौरवशाली प्राचीन परम्परा रही है। इसी का अनुसरण कर हम सही मायनों में शिक्षा के क्षेत्र में विकास कर सकेंगे।

श्री सिंह भोपाल के एक निजी टीव्ही चैनल के शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षक समाज को हमेशा प्रेरित करता रहा है। उन्होंने इस मौके पर उत्कृष्ठ संस्था, उत्कृष्ठ शिक्षक, शिक्षा प्रकाश पुत्र और स्व. श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन उत्कृष्ठ शिक्षक सम्मान से श्रेष्ठ कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित किया।

श्री सिंह ने कहा कि शिक्षक यदि निष्ठावान और समर्पण के भाव से कार्य करता है तो वह देश के अच्छे भविष्य के निर्माण में ठोस सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक तब संतुष्ट होता है जब उसके विद्यार्थी श्रेष्ठ स्थान पर पहुँचते है। उन्होंने शिक्षकों के निष्पक्ष रहने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के स्व. श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन और स्व. डॉ. अब्दुल कलाम आजाद जैसे दो प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने राष्ट्रपति के रूप में देश का नेतृत्व किया और देश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बगैर मनुष्य का जीवन अधूरा है। इस वजह से शिक्षकों का समाज में अमूल्य योगदान है।

श्री सिंह ने सम्मानित होने वाले शिक्षकों और शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सम्मानित होने वाले व्यक्तियों से समाज को प्रेरणा मिलेगी।

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