ई-रिक्शा चालक को संक्रमित इंजेक्शन लगाने वाले आरोपी पकड़ाए
पत्नी को पति से दूर रखने के लिए प्रेमी ने दिया था घटना को अंजाम
इंदौर: पिछले दिनों चंदन नगर थाना क्षेत्र में संक्रमित इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया था. मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर, यह साबित कर दिया कि इंजेक्शन साजिश भरा था न की संक्रमित.डीसीपी ऋषिकेश मीना ने बताया कि पिछले दिनों चंदन नगर थाना क्षेत्र में ई-रिक्शा चालक को रिक्शा में बैठे दो आरोपियो ने संक्रमित इंजेक्शन लगा दिया था. जिसके चलते उसकी तबीयत खराब हुई तो वह सीधे एक अस्पताल में जाकर भर्ती हो गया था. यह मामला संक्रमित इंजेक्शन का नहीं बल्कि साजिश का था.
आरोपियों ने फरियादी को साजिश के चलते कोई नुकिली वस्तु कमर में चुबा दी थी. जिससे उसे लगा कि उसे इंजेक्शन लगा दिया गया है. जबकि पूरा मामला प्रेम प्रसंग का है. ई-रिक्शा चालक को दोनों आरोपी किसी भी झूठे केस में फंसाने का षड़यंत्र रच चुके थे. जिसमें उसे अधिक समय के लिए जेल में रहना पड़े. ई-रिक्शा चालक को उसके ही एक रिश्तेदार ने अपने दो साथियों को 10 हजार रुपए देकर ई-रिक्शा में सवारी बना कर बैठाया और उन्हें इंजेक्शन लगाने का बोला था. इस साजिश का पर्दाफाश करने में पुलिस ने करीब चार सौ से ज्यााद सीसीटीवी कैमरे खंगाले. जिसमें आरोपी ओमप्रकाश पाल, जगन गोखले और विशाल ट्रेस हुए थे. तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूरी साजिश का पता लगाने का दावा कर रही है.
फंसाने की थी योजना
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने पूरी साजिश के बारे में बताया कि एक आरोपी का फरियादी की पत्नी से लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था. वह आपस में खुल कर नहीं मिल पाते थे, इसलिए फरियादी को किसी भी ऐसे मामले में फंसा देने का षड़यंत्र रचा कि वह लम्बे समय के लिए जेल चला जाए. जैसे की एनडीपीएस एक्ट या उसकी ई-रिक्शा में ज्यादा मात्रा में शराब रख कर पुलिस को या डायल 100 पर सूचना देना इनका उद्देश्य था. मगर फरियादी ने नावदा पंथ के आगे जाने से मना कर दिया था. जिससे आरोपियों को लगा कि उनका प्लान फेल हो गया हैं. तो उन्होंने आक्रोश में आकर फरियादी को किसी नुकिली वस्तु से कमर पर मार दिया. जिसे फरियादी ने इंजेक्शन समझ लिया था