आषाढ़ में जेष्ठ मास की तरह तापमान

46-47 डिग्री की तरह महसूस हो रहा तापमान, बारिश थमी, गर्मी से लोग व्याकुल

सिंगरौली : आषाढ़ मास का अंतिम चरण चल रहा है। सावन मास चार दिन बाद यानी सोमवार से आरंभ होगा। लेकिन तापमान जेष्ठ मास की तरह है। आलम यह है कि सुबह से सूर्य देवता अपना असर दिखाने शुरू कर देते हैं।दरअसल ऊर्जाधानी में मानसून कमजोर पड़ गया है। बारिश के थम जाने जहां अन्नदाताओं की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है। वही दूसरी ओर जेष्ठ मास की तरह भीषण गर्मी ने लोगों को व्याकुल कर दिया है। आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों से तापमान 46-47 डिग्री की तरह महसूस हो रहा है। हालांकि मौसम विभाग 34-35 डिग्री मान रहा है। लेकिन मौसम विभाग यह भी माना है कि तापमान 46-47 डिग्री जैसे आभास होता है।

इधर प्रचंड गर्मी ऊपर से उमस ने ऊर्जाधानी वासियों को हलाकान कर रखा है। मौसम विभाग के अनुसार कल शुक्रवार को 50 प्रतिशत बारिश की संभावना है। हो सकता है संभवत: बारिश देवसर, चितरंगी, माड़ा तहसील क्षेत्र में हो सकती है। किन्तु पिछले एक सप्ताह से जिले के अधिकांश हिस्से में बारिश न होने के कारण खेतीबाड़ी का कारोबार पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खीचने लगी है। अन्नदाता खैरा गांव निवासी हजारी केवट, रघुनाथ केवट, समारू कोल, कैलाश कोइरी सहित अन्य का कहना है कि बारिश न होने से मक्का एवं अरहर की फसल मुरझाने लगी है। यदि इसी तरह हालात बने रहे तो पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सूखे की मार से झेलना पड़ेगा।
रूठें इन्द्र देवता को मनाने में जुटे किसान
ऊर्जाधानी में इन्द्र देवता के रूठ जाने से किसानों में हाय तोबा मची हुई है। आलम यह है कि रूठे हुये इन्द्र देवता को मनाने के लिए पूजा पाठ, भजन-र्कीतन सहित तरह-तरह के टोटके किये जा रहे । फिर भी इन्द्र देवता अभी खुश नजर नही आ रहे हैं इन्द्र देवता ऊर्जाधानी में कब मेहरवान होंगे। मौजूदा हालात को देख कोई भी व्यक्ति अनुमान नही लगा पा रहे हैं। वही आषाढ़ मास में अधिकांश हिस्सों में बारिश पर्याप्त न होने से जल स्तर भी ऊपर नही आया है। जिसके चलते कु छ पहाड़ी इलाकों में पेयजल समस्या की स्थिति से लोगों को सामना करना पड़ा। हालांकि 15 दिन पहले जिले के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई थी।
बारिश के थमने से किसानों की बढ़ी चिंता
सिंगरौली तहसील में गत वर्ष 18 जुलाई तक 208.3 मिमि, देवसर तहसील में 241.5 मिमि, चितरंगी तहसील में 216.4 मिमि, सरई सहसील में 157.2 मिमि एवं माड़ा तहसील में 310.2 मिमि दर्ज हुई थी। जबकि आज दिन गुरूवार की स्थिति में एक भी बूंद बारिश जिले के किसी भी हिस्से में नही हुई है। बारिश के रूक जाने से जहां भीषण गर्मी एवं उमस ने हाल बेहाल कर दिया है। वही सावन महीना सोमवार से आरंभ होगा। ऐसे में खरीफ फसलों के पिछड़ने का भी किसानों में डर सता रहा है। प्रबुद्ध किसान मान रहे है कि यदि बारिश एक सप्ताह और नही हुई तो मक्का, अरहर सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान होगा। हालांकि अभी धान रोपाई के लिए वक्त है। फिलहाल बारिश के थमने से किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही है।

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