अपराधों पर अकुंश, पीडि़तों को समय पर मिलेगा जस्टिस
आईजी – डीआईजी ने नए कानूनों की नागरिकों-पुलिस को बताई बारीकियां
जबलपुर: तीन नए कानून का उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना और नागरिकों की सुरक्षा है। इन तीन कानूनों से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। अपराधों पर अकुंश लगाने के साथ पीडि़तों का समय पर जस्टिस मिलेगा। यह बातेंं पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन जबलपुर अनिल सिंह कुशवाहा ने ओमती थाने और पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज जबलपुर तुषारकांत विद्यार्थी ने गोरखपुर थाने में नए कानूनों से नागरिकों और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को अवगत कराते हुए नए कानून की बारीकियों को समझाया और भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जैसे आपराधिक कानूनों पर जागरूक किया।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि अभी तक देखा गया है कि देश भर के पुलिस स्टेशनों में बड़ी संख्या में केस संपत्तियां पड़ी रहती हैं। अब इस ओर भी तेजी लाई जाएगी। यानी अब इनकी वीडियोग्राफी करके सत्यापित प्रति कोर्ट में जमा करके इनका निपटारा किया जा सकेगा। अभी सिर्फ आरोपी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकती है, लेकिन अब पूरा ट्रायल, क्रॉस क्वेश्चनिंग सहित, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संभव होगी। शिकायतकर्ता और गवाहों का परीक्षण, जांच-पड़ताल और मुक़दमे में साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग और उच्च न्यायालय के मुक़दमे और पूरी अपीलीय कार्यवाही भी अब डिजिटली संभव होगी। सर्च और जब्ती के समय वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया है, जो केस का हिस्सा होगी।
यौन हिंसा में बड़ा फेर बदल
इस दौरान बताया गया कि यौन हिंसा के मामले में भी पहले के कानून में फेर-बदल किया गया है। इसके अंतगर्त यौन हिंसा के मामले में पीडि़त का बयान अनिवार्य कर दिया गया है और यौन उत्पीडऩ के मामले में बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अब अनिवार्य कर दी गई है। पुलिस को 90 दिनों में शिकायत का स्टेटस और उसके बाद हर 15 दिनों में फरियादी को स्टेटस देना अनिवार्य होगा।
समरी ट्रायल का दायरा भी बढ़ाया
इस दौरान बताया गया कि छोटे मामलों में समरी ट्रायल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। अब 3 साल तक की सज़ा वाले अपराध समरी ट्रायल में शामिल हो जाएंगे। इस अकेले प्रावधान से ही सेशंस कोट्र्स में 40 प्रतिशत से अधिक केस समाप्त हो जाएंगे। आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 90 दिनों की समय सीमा तय कर दी गई है और परिस्थिति देखकर अदालत आगे 90 दिनों की परमिशन और दे सकेंगी। कोर्ट अब आरोपित व्यक्ति को आरोप तय करने का नोटिस 60 दिनों में देने के लिए बाध्य होंगे।
देशभर में कहीं भी हो सकेगी एफआईआर
बैठक में बताया गया कि आम जनता के हितों को ध्यान मे रखते हुये बनाये गये है। नये कानून में अपराधी को उसके किये की सजा मिले इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। कहीं पर भी घटना होने पर परिस्थितिवश कहीं पर भी एफ.आई.आर. की सुविधा तथा ई एफ.आई.आर. का भी प्रावधान रखा गया है।
बच्चों से अपराध, दुगुनी सजा का प्रावधान
बच्चों एवं महिलाओं से सम्बंधित अपराधों में अपराधी को कड़ी सजा का प्रावधान है, बच्चों से अपराधिक गतिविधि कराने पर दुगुनी सजा का प्रावधान है। बार-बार अपराध करने वालों पर अधिक दण्ड का प्रावधान किया गया है। देश के बाहर भाग जाने वाले अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
राजद्रोह अब देशद्रोह माना जाएगा
पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज, जबलपुर तुषार कान्त विद्यार्थी ने बताया कि नये आपराधिक कानून में राजद्रोह के अपराध को खत्म कर अब उसे देशद्रोह माना जाएगा, 6 छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। पहले भादवि की कुल 511 धाराएं थी जिनमें बदलाव कर कुल 358 धाराएं कर दी गई है, 20 नये अपराध जोड़े गए है, 33 अपराधों में दण्ड में बढ़ोतरी हुई है, 19 धाराएं हटायी गई है। बी.एन.एस.एस. 2023 के अंतर्गत साक्षी संरक्षण स्कीम का नया प्रावधान जोड़ा गया है। नये कानूनों मे डिजिटल साक्ष्य, फॉरेसिक साक्ष्यों के महत्व को बढ़ावा दिया गया है। इस दौरान समर वर्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध, पंकज मिश्रा एस.डी.एम. गोरखपुर, धमेन्द्र दीक्षित ए.डी.पी.ओ., एच.आर. पाण्डे नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर, श्रीमती उमाकांती आर्मो उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक प्रसन्न शर्मा थाना प्रभारी गोरखपुर, निरीक्षक मृदुल त्रिपाठी, उप निरीक्षक अंकिता तिवारी, कोशल सूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष, पार्षद श्रीमती लक्ष्मी चक्रवर्ती, जय चक्रवर्ती, श्रीमती अंजू भार्गव गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि पत्रकार पुलिस अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें।
माढ़ोताल में कप्तान ने दी जानकारियां
पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन जबलपुर अनिल सिंह कुशवाह थाना ओमती एवं पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज जबलपुर तुषार कांत विद्यार्थी थाना गोरखपुर एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर आदित्य प्रताप सिंह माढोताल थाने पहुंचे एवं आम जनमानस को नये कानून से अवगत कराया।
36 थानों में कार्यक्रम
उल्लेखनीय है कि आम जनमानस को नये कानून से जागरूक करने हेतु आज जिला जबलपुर के समस्त 36 थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये है।