किशोरों को २ घंटे से ज़्यादा मोबाइल उपयोग नहीं करना चाहिए
ग्वालियर। एडोलेसेंट हेल्थ अकादमी ग्वालियर शाखा द्वारा सोशल मीडिया की उपयोगीता तथा इसके हानिकारक असर से कैसे बचा जाए इस विषय पर तानसेन नगर के ग्रोइंग किड हाई स्कूल में सेमिनार आयोजित की गयी। शाखा की अध्यक्ष प्रो सुनीता प्रसाद ने बताया की इंटरनेट की लत का असर दिमाग और शरीर पर उसी तरह से होती है , जिस तरह नशीली पदार्थ के सेवन से होता है ।
डॉ प्रियंका निखरा ने बताया कि साइबरबुलिंग से बचने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग सोच समझ करें , तथा अपनी प्रोफाइल कभी भी अनजाने साईट पर शेयर न करें। पूर्व अध्यक्ष डा रश्मि गुप्ता ने बताया की दो साल से छोटे बच्चे को अपने से मोबाइल बिलकुल ही नहीं देखनी चाहिए, तथा पाँच साल तक के बच्चो को एक घंटे तथा उसके उपर 18 साल तक केवल 2 घंटे तक ।
इस से ज्यादा उपयोग करने पर दृष्टि कमजोर होने के साथ कई मानसिक रोग के शिकार भी हो सकते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि मुसीबत में पड़ने पर बच्चे या फिर अभिभावक हेल्प लाइन नंबर 1098 पर संपर्क कर सकते हैं।
सेमिनार में ये भी बताया कि नवीन आँकड़ो के अनुसार भारत में १४४ करोड़ आबादी में क़रीबन ११० करोड़ इंटरनेट कनेक्शन हैं , जिसमे से ५५ प्रतिशत ऐक्टिव प्रयोग में है । उसमे से ३२ प्रतिशत टीनेजर्स प्रयोग कर रहे हैं। फ़ायदा तो बहुत है पर ग़लत इस्तेमाल से मानसिक एवं शारीरिक नुक़सान भी बहुत है। कार्यक्रम के आयोजन में डा जयेन्द्र आर्य तथा भटनागर का सहयोग रहा ।