नयी दिल्ली 28 जून (वार्ता) राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि सदन में विपक्ष के नेता ने कार्यवाही में व्यवधान डालने वाले सदस्यों के साथ आसन के निकट आकर संसदीय परंपराओं की घोर अवेहलना की है और संसद के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जब चर्चा हो रही थी और भारतीय जनता पार्टी के सुधांशु त्रिवेदी अपनी बात रख रहे थे तो करीब करीब सभी विपक्षी दलों के सदस्य मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से संबंधित परीक्षा नीट के पेपर लीक होने के मुद्दे पर चर्चा नहीं कराये जाने के विरोध में आसन के निकट आकर शोर शराबा कर रहे थे।
सभापति ने कहा , “नेता प्रतिपक्ष स्वयं भी आसन के निकट आ गये हैं और मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि संसद के इतिहास में संसदीय परंपरा इससे पहले कभी इतनी नीचे नहीं गिरी कि स्वयं नेता प्रतिपक्ष और उप नेता भी शोर शराबा करने वाले विपक्षी सदस्यों के साथ आसन के निकट आ गये।”
इससे पहले नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर कतई गंभीर नहीं है और उसका मकसद केवल सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालना है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक में यह तय हुआ था कि धन्यवाद प्रस्ताव पर 21 घंटे की चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले इसके लिए कभी इतना समय आवंटित नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस चर्चा को लेकर गंभीर नहीं है और इस बारे में इस बात से पता चलता है कि उसके किसी भी नेता ने चर्चा में शामिल होने के लिए नाम नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में नीट का मुद्दा नहीं उठाया और अब नीट के बहाने से सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहती। उन्होंंने कहा कि सरकार इस मामले में जवाब देगी तथा नीट के मुद्दे का समाधान करने के लिए तत्पर है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने सदन में अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जमकर शोर शराबा किया और नीट के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।