नयी दिल्ली, 13 जून (वार्ता) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
श्री चौहान ने योजनाओं के लिये विभागीय कार्य योजना के सभी पहलुओं को समझते हुये स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिये मजबूत कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य उनके लिये एक सपने की तरह है और सभी से तीन वर्ष की समय सीमा से पहले लक्ष्य हासिल करने के लिये काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि वह जल्द ही लखपति दीदी पहल को बढ़ावा देने के लिये राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों की साथ एक बैठक करेंगे और यदि कोई मुद्दा हैं, तो उन्हें हल करने के लिये मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किये गये प्रयासों की सराहना की और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाये गये उत्पादों की बिक्री के लिये ब्रांडिंग और विपणन प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री चौहान ने कहा कि कभी ‘बैंकों की पहुंच से वंचित’ मानी जाने वाली ये महिलायें ‘भविष्य की लखपति दीदी’ हैं और स्वयं सहायता समूह ग्रामीण ऋण की दशकीय समस्या को हल करने के लिये अच्छी तरह से तैयार हैं- ये महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का एक सच्चा उदाहरण है। उन्हें बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों ने 56 लाख से अधिक महिला एसएचजी को 2,06,636 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया गया। ऋण से जुड़ी एसएचजी की वार्षिक संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है और पिछले 10 वर्षों के दौरान वार्षिक ऋण वितरण में लगभग 10 गुना वृद्धि हुई है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की समीक्षा करते हुये कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में सहायक रही है और इसे विकसित भारत की प्राप्ति को सुगम बनाने के लिये आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में उपयोग में आने वाली सड़क से जोड़ने की दिशा में प्रयास किये जाने चाहिये।
उन्होंने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये किये गये नये उपायों की सराहना की और इच्छा जाहिर की कि इन्हें सभी स्तरों पर बढ़ाया जाये। उन्होंने ग्रामीण सड़क रखरखाव में सुधार के लिये राज्यों के साथ अधिक समन्वय का आह्वान किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों की साझेदारी को मजबूत करने के लिये आगे के उपाय करने का निर्देश दिया। बैठक में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, सचिव शैलेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।