चंदन नदी में मिला बाघ का क्षत-विक्षत शव, जांच में जुटा वन अमलाl

विधायक ने जताई नाराजगी, कहा बाघ और शावकों के मूवमेंट पर कोई कार्यवाही नहीं कर वन अमले ने बरती लापरवाही

 

नवभारत न्यूज बालाघाट

 

वारासिवनी। वन विकास निगम के वारासिवनी परिक्षेत्र में सावंगी के तुमड़ीटोला से होकर बहने वाले कास नाला में बाघ शावक मिलने से सनसनी फैल गई। हालांकि शव बहकर आया है, या किसी ने शिकार कर, यहां फेंक दिया है, यह जांच का विषय है। घटना की जानकारी के बाद निगम और परिक्षेत्र का अमला, मामले की जांच में जुट गया है। वहीं वनविभाग के डॉग स्कॉड की टीम ने भी घटनास्थल पर बारिकी से जांच की।

बताया जाता है कि नदी में मिला बाघ का शव काफी पुराना है। जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि लगभग डेढ़ महिने से सावंगी क्षेत्र में मादा बाघ और दो शावकों में मिला शव एक शावक हैं। चूंकि विगत कुछ दिनों से बाघिन की आवाज खूंखार तरीके से क्षेत्र में गूंज रही हैं। जिससे क्षेत्र में बाघ की दहशत का माहौल हैं। हालांकि ग्रामीणों की माने तो क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट को लेकर संबंधित अमले को इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन वन अमले ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण ही बाघ का शिकार किया गया है। चूंकि प्रथमदृष्टया, बाघ के पंजो के गायब होने से यह संभावना प्रबल है कि बाघ का शिकार किया गया है। फिलहाल दुर्लभ वन्यप्राणी की श्रेणी में शामिल बाघ के शव मिलने से उसके पीएम के लिए तीन विशेष वाईल्ड लाईफ डॉक्टर को बुलाया गया है, जिनके द्वारा पीएम करवाकर शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

घटनाक्रम के अनुसार सुबह, नदी में पड़े बाघ के शावक के शव को खेत में सिंचाई करने पहुंचे किसान ने नदी में पंप लगाने के दौरान देखा। जिसकी सूचना उसने पंचायत सरपंच को दी। जिसके बाद यह सूचना वनविभाग को मिली। नदी में बाघ का शव मिलने की जानकारी के बाद, यहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। इसी बीच जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक विवेक पटेल भी घटनास्थल पहुंचे।

यहां उन्हें ग्रामीणों से बाघ और दो शावकों के मूवमेंट और इसकी जानकारी के बावजूद वन अमले द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने की जानकारी मिली। जिस पर विधायक पटेल ने वन अमले पर नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते क्षेत्र में पहुंचे मादा बाघ और दो शावकों को ग्रामीण क्षेत्र से जंगली क्षेत्र की ओर रवाना करने का काम किया जाता तो संभवतः दुर्लभ वन्यप्राणी बाघ को बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि जंगल और वन्यप्राणी की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाने वाले, लापरवाही कर रहे है, जिसे जंगल और वन्यप्राणी असुरक्षित है। उन्होने कहा कि यह जिले के लोगों का सौभाग्य है कि जिले मंे बाघ जैसे दुर्लभ वन्यप्राणी मौजूद है लेकिन उनकी देखरेख करने वाले गंभीर नहीं है। उन्होंने बाघ शावक की मौत पर दुःख जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले मंे वरिष्ठ अधिकारी जांच करें और लापरवाह अधिकारी, कर्मचारी पर कार्यवाही करें।

नदी में मिले बाघ के क्षत-विक्षत शव पंजे गायब होने की बात कही जा रही है। जिससे प्रतित होता है कि किसी ने बाघ का शिकार कर उसके पंजे निकाल लिए और उसके शव को नदी में फेंक दिया। जिस तरह से बाघ का शव नदी में क्षत-विक्षत हालत में दिखाई दे रहा है, उससे प्रतित होता है कि शव 8-10 दिन काफी पुराना है।

इस मामले में वन अधिकारी का कहना है कि मामले में मृतक बाघ का तीन वाईल्ड लाईफ डॉक्टर की पैनल से पीएम कराया जाएगा। डॉग स्कॉड की मदद से एरिया को सर्च किया जा रहा है। बाघ की मौत या उससे जुड़ी जानकारी को लेकर अधिकारी ने फिलहाल कुछ भी बताने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि बाघ की मूवमेंट की जानकारी पर पेट्रोलिंग की जाती है।

 

इनका कहना है

वनविभाग निगम क्षेत्र में बाघ का शव मिला है। प्रथमदृष्टया अभी मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। डॉग स्कॉड की टीम भेजी गई है। जिसके द्वारा सर्च किया जाएगा। नाखून को काट लिए जाने की जानकारी मिली है। जांच में ही सारी जानकारी मिल पाएगी। मामले की जांच की जा रही है।

श्री सेंगर, सीसीएफ

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