चेन्नई, 04 जून (वार्ता) तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में सत्तारुढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) नीत मोर्चे ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत की ओर अग्रसर है।
राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार होगा कि कोई फ्रंट संसदीय चुनाव में 100 प्रतिशत जीत दर्ज करेगा और एआईएडीएमके और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले विपक्षी मोर्चों की करारी शिकस्त होगी। द्रमुक मोर्चे ने अब तक घोषित परिणामों में से सात सीटों पर जीत दर्ज की है और शेष 33 सीटों पर बड़े अंतर से आगे चल रहा है। द्रमुक ने पांच सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी कांग्रेस और माकपा ने रात आठ बजे तक एक-एक सीट जीती। द्रमुक के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (एसपीए) के लिए यह 40 में से 40 है, जो विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया समूह का हिस्सा है, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की एकमात्र लोकसभा सीट पर बड़े अंतर से आगे चल रहे हैं।
मोर्चे के लिए यह तिहरी खुशी की बात है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार विलावनकोड विधानसभा सीट के उपचुनाव में जीत की ओर अग्रसर है, जो कांग्रेस विधायक एस. विजयधरिणी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
द्रमुक फ्रंट की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए द्रमुक अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया और कहा कि यह सरकारी मशीनरी तथा धनबल के दुरुपयोग के खिलाफ हासिल की गयी जीत है।
श्री स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि वह कल विपक्ष के नेतृत्व वाले इंडिया समूह की बैठक में भाग लेने के लिए नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान में बदलाव लाने की उनकी टिप्पणी के लिए उचित सबक दिया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की घोषणा से पहले ही द्रमुक ने सभी सीटों पर ध्यान रखते हुए अपने सभी सहयोगियों को साथ रखा और सीट बंटवारे के समझौतों को अंतिम रूप दिया।