जहां भाजपा- कांग्रेस में सीधा मुकाबला, वहां किसकी होगी सबसे बड़ी जीत 

– विदिशा, होशंगाबाद, भोपाल संसदीय क्षेत्र में हो सकता है सबसे बड़ा जीत का अंतर

कन्हैया लोधी

भोपाल. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के परिणाम मंगलवार को आएंगे, दोपहर तक रूझान और शाम तक परिणाम आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा, दोपहर बाद तक देश और प्रदेश की चुनावी तस्वीर साफ हो जाएगी कि वोटरों का रूझान किस तरफ है। दोपहर बाद के रूझान को निर्णायक माना जा रहा है, दोपहर बाद तक रूझानों में मिले बढ़त से ये साफ हो जाएगा कि वोटरों ने किसके सिर पर जीत का मुकुट पहनाया है. इन सबके बीच एक बात को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर वर्ष 2024 में मप्र में ऐसी सीट जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी मुकाबला है, उनमें से किस सीट पर सबसे अधिक वोटों के अंतर से हार या जीत तय होती है?

 

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक वोटों से जीत के मामले में दूसरे नंबर का तमगा इंदौर संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी को मिला था. जब उन्होंने कांग्रेस के पंकज संघवी को 5 लाख 47 हजार 754 वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन इस बार परिद्वश्य बदला हुआ है. इस बार यहां से कांग्रेस उम्मीदवार नदारत है, ऐसे में यहां भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं है. यहां कांग्रेस की चुनौती नहीं होने से चुनावी माहौल में पहले से ही निरसता बनी रही, इसका असर मतदान पर भी दिखा, जब यहां काफी कम मतदान हुआ. अब यहां यह तो तय ही माना जा रहा है कि लालवानी एकतरफा मुकाबले में न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश में भी जीत का नया रिकॉर्ड बना सकते हैं, और ये आंकड़ा 12 लाख वोटों से भी अधिक तक जा सकता है, लेकिन उसके बाद भी ये परिणाम मुकाबले के लिहाज से निरस ही माना जाएगा, यदि कांग्रेस उम्मीदवार से मुकाबला होता और फिर वे बड़ी जीत हासिल करते तो जीतने वाले उम्मीदवार के लिए भी ये बेहद संतोष का विषय होता, लेकिन बिना मुकाबले मैच जीतने में न तो पहले आनंद था और न अब होगा.

कमोबेश यही स्थिति खजुराहो संसदीय क्षेत्र को लेकर भी बन रही है, यहां भी कांग्रेस चुनाव मैदान से नदारत है। समझौते के तहत से सीट समाजवादी पार्टी को मिली थी, लेकिन सपा उम्मीदवार का नामांकन ही निरस्त हो गया. ऐसे में यहां कांग्रेस और सपा ने फारवर्ड ब्लॉक के आरबी प्रजापति को समर्थन दिया। ऐसे में यहां भी मुकाबला एकतरफा माना जा रहा है। यहां दोनों ही बड़े दलों से कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को कोई चुनौती नहीं है. शर्मा वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहीं से 4 लाख 92 हजार 382 वोटों से विजयी हुए थे. तब उन्होंने कांग्रेस की कविता सिंह को एकतरफा मुकाबले में हराया था. इस बार भी उनकी बड़ी जीत तय मानी जा रही है, लेकिन कमजोर मुकाबले के कारण इस जीत की उतनी ठसक नहीं बनेगी, जितना कि वर्ष 2019 के परिणाम की बनी थी, यहां मैच से पहले ही वॉकओवर की स्थिति बन गई थी.

 

विदिशा, भोपाल और होशंगाबाद में मिल सकती है बड़ी जीत

होशंगाबाद, विदिशा और भोपाल तीनों ही संसदीय क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा उम्मीदवारों का कांग्रेस उम्मीदवारों से सीधा मुकाबला है. भोपाल संसदीय क्षेत्र को ही लें तो यहां भाजपा ने आलोक शर्मा पर दांंव लगाया है, तो कांग्रेस ने अपेक्षाकृत कम चर्चित उम्मीदवार अरूण श्रीवास्तव को मैदान में उतारा है।

यहां इस बार भाजपा उम्मीदवार की जीत का नया रिकॉर्ड बनने की संभावना जताई जा रही है। वर्ष 2014 में भाजपा के आलोक संजर सबसे अधिक 3 लाख 70 हजार 696 वोटों क अंतर से जीते थे, वहीं वर्ष 2019 में भाजपा की प्रज्ञा सिंह ने कांग्रेस दिग्गज दिग्विजय सिंह को 3 लाख 64 हजार 822 वोटों से करारी शिकस्त दी थी,

दूसरी बड़ी सीट जिसमें जीत का बड़ा अंतर रह सकता है, वह विदिशा संसदीय क्षेत्र है. इस बार यहां से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को मैदान में उतारा है, उनके सामने कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा है। शर्मा को पहले ही कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा है। चौहान के पक्ष में जो माहौल बना है, उससे उनकी जीत का आंकड़ा 7 लाख से अधिक वोटों से होने की संभावना जताई जा रही है, ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है. विदिशा वैसे भी भाजपा के मजबूत गढ़ में शुमार है। ये इस बात से ही पता चलता है कि वर्ष 2019 में भाजपा के रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस के शैलेन्द्र पटेल को 5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हरा दिया था.

तीसरे क्रम में होशंगाबाद का नाम भी शामिल है। इस सीट पर भाजपा ने दर्शन सिंह चौधरी को मैदान में उतारा है, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के संजय शर्मा से है. यहां भाजपा उम्मीदवार की जीत का मार्जिन इस बार भी बड़ा ही रहने की संभावना जताई जा रही है। ये आंकड़ा 6 लाख को पार कर सकता है. वर्ष 2019 में यहां से भाजपा के उदयप्रताप सिंह ने कांग्रेस के शैलेन्द्र दीवान को एकतरफा मुकाबले में 5 लाख 53 हजार 682 वोटों के बड़े अंतर से हराया था.

………………………………………………………………………

 

 

भिंड या टीकमगढ़ से आ सकता है सबसे पहला परिणाम

प्रशासनिक संवाददाता

भोपाल, प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में से सबसे पहले भिंड या टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से चुनाव परिणाम आने की संभावना है. टीकमगढ़ में महज 7 उम्मीदवार हैं, यहां विधानसभा वार 14 से 18 टेबिल लगाई गई हैँ, यहां 15 से 18 राउंड में वोटों की गणना पूरी हो जाएगी, वहीं भिंड मं भी 7 ही उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, यहां 16 से 21 टेबिलें लगाई गई है, यहां 13 से 18 राउंड में वोटों की गणना पूरी हो जाएगी.

छिंदवाड़ा में तीन केंद्रीय प्रेक्षक

सभी 29 संसदीय क्षेत्रों के वोटों की गणना के लिए कुल 116 केंद्रीय प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं, इस तरह एक विधानसभा क्षेत्र के लिए औसतन दो केंद्रीय प्रेक्षक नियुक्त हैं, लेकिन छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में परिणाम की संवेदनशीलता को देखते हुए तीन केंद्रीय प्रेक्षक तैनात किए गए हैं.

Next Post

पुलिस लाईन मार्ग में भारी वाहनों एवं आमजन का आवागमन रहेगा बंद

Mon Jun 3 , 2024
आज सुबह से लेकर मतगणना पूर्ण होने तक पुलिस का रहेगा कड़ा पहरा नवभारत न्यूज सिंगरौली 3 जून। लोकसभा चुनाव के मतो की गणना कल दिन मंगलवार की सुबह 8 बजे से शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में शुरू हो जाएगी। जहां इस दौरान अंतिम मतगणना होने तक तेलाई मोड़ से पुलिस […]

You May Like