नवभारत मुहिम
हिरन नदी को अतिक्रमण से मुक्त कराने एवं विकास उत्थान के लिए जनता ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सहयोग की गुहार के साथ सीमांकन कराने की कर रहे मांग
सीधी 30 मई। शहर की हिरन नदी को अतिक्रमण से मुक्त कराने एवं विकास उत्थान के लिये जनता ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सहयोग की गुहार के साथ सीमांकन कराने की लगातार मांग कर रहे हैं। नवभारत मुहिम जनता की आवाज बन चुकी है और हिरन नदी बचाओ को जनसमर्थन मिला रहा है।दरअसल शहर की जीवन दायिनी नदी रही हिरन का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कभी सूखा नदी से सम्बद्ध हिरन की उपयोगिता काफी ज्यादा थी किन्तु अवैध अतिक्रमण के चलते इन नदी नालों की बेशकीमती जमीनों हजम करने का खेल चुपचाप चल रहा है।
पूर्व कलेक्टर अभिषेक सिंह द्वारा सूखा नदी में अवैध अतिक्रमणकारियों को अपने कार्यकाल के दौरान चिन्हित किया गया था और अतिक्रमण हटाने की कुछ कार्यवाही भी हुई थी। बाद में कलेक्टर अभिषेक सिंह के सीधी के स्थानांतरण के बाद कार्यवाही रुक गई और अतिक्रमणकारियों की बाहें फिर से खिल गई। तत्संबंध में लोगों का कहना है कि आज हिरन नाला की स्थिति अत्यंत दयनीय है। हर दिन इंच-इंच कर नदी का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। कभी इस नदी का पानी का उपयोग लोग नहाने, कपड़ा धोने के साथ ही पीने में भी करते थे किन्तु जल प्रदूषण के कारण यह अब गंदे और बदबूदार नाले के रूप में बह रहा है।
जिसकी कई जगह धारा मोडक़र अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध कब्जा भी कर लिया गया है। कई जगहों पर नदी की धारा इतनी कम हो गई है कि लोग दो-तीन फिट की पटिया डालकर एक किनारे से दूसरे किनारे को पार कर रहे हैं। हिरन नाले के बेशकीमती जमीन को अतिक्रमणकारियों द्वारा प्लाट काटकर बेंचा जा रहा है। यह नाला गंदगी और कचरे के अम्बार में पट रहा हैं जो कभी भी बारिश के दिनों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। जिससे जान-माल की हानि होने की भी आशंका है। सीधी शहर में मिनी स्मार्ट सिटी के तहत कई कार्य होने हैं, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास किया जाना है किन्तु जब तक हिरन नाला का जीर्णोद्धार नहीं किया जाता तब तक सीधी शहर के स्वच्छ और सुंदर होने की कल्पना नहीं की जा सकती। हिरन नाला के आसपास काफी शासकीय भूमि थी जो कि नजूल की थी।
अतिक्रमणकारियों द्वारा नजूल विभाग के अमले से सांठगांठ कर यहां की भूमि का फर्जी तौर पर पट्टा भी तैयार करा लिया। इसके बाद उसी की आड़ में आसपास की खाली भूमियों को भी हजम करने का दौर शुरू हो गया। सिंगरौली मार्ग से लेकर चकदही मार्ग तक हिरन नाला पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। इसके आसपास सैकड़ों हेक्टेयर की भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। जिसको हटाने की जरूरत नजूल एवं राजस्व विभाग द्वारा नहीं समझी जा रही है। इसी वजह से सीधी शहर की जीवन दायिनी मानी जानी वाली सूखा नदी एवं हिरन नदी आज नाले में तब्दील हो चुकी है। स्थिति यह है कि नदी का जो स्वरूप नाले के रूप में बचा हुआ है उसको भी कूड़ा करकट डालकर पाटने का सिलसिला चल रहा है। यदि प्रशासन द्वारा मिनी स्मार्ट सिटी के कार्यो में हिरन नदी को भी शामिल करके इसके सौन्दर्यीकरण की पहल अतिक्रमण को हटाकर किया जाय तो नदी का यह पूरा इलाका पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित हो सकता है।
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जनता की गुहार, अतिक्रमण रोकों सरकार
नवभारत की हिरन नदी को बचाने की मुहिम स्वागत योग्य है, हम लोग इस मुहिम के साथ हैं। सुने हैं पर्यावरण संरक्षण हेतु कलेक्टर साहब भी संवेदनशील है। इस महत्वपूर्ण अभियान में सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक का भी सहयोग लिया जाये। सफलता मिलेगी। अभी नही तो कभी नही, जय सीधी जय हिरन नदी।
कन्हैया सिंह, डैनिहा सीधी
नवभारत का सराहनीय प्रयास है, हम सब नवभारत की इस मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे क्योंकि इस मुहिम का फायदा लगभग आधे से ज्यादा शहरवसियों को होगा। यह मुहिम बहुत ही उपयोगी और जरूरी है। नही तो बारिश के दिनों में आधे शहरवसियो को बाढ़ और नलियो की गंदगी का सामना करना होगा।
मुकेश गुप्ता, सीधी
हिरन नदी अतिक्रमण के कारण नाले में परिवर्तित हो गई है। इसके लिए सीधी कलेक्टर साहब को सर्वप्रथम अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही सहित हिरन नदी की 1965 के रिकॉर्ड से सीमांकन करवाना चाहिए। जिसके बाद अतिक्रमणकारी आसानी के साथ चिन्हित हो जायेंगे।
आशीष पाण्डेय, सीधी