सियासत
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल के इनकार के बाद कांग्रेस का प्रादेशिक नेतृत्व बदनावर के विधायक भंवर सिंह शेखावत को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मनाने का प्रयास कर रहा है. भंवर सिंह शेखावत लंबे समय से भाजपा में रहे हैं. वे दो बार भाजपा के टिकट पर विधायक भी रहे हैं. इंदौर क्षेत्र क्रमांक 2 और इंदौर क्षेत्र क्रमांक 5 से उन्होंने चुनाव लड़े हैं. इसके अलावा वो नगर भाजपा अध्यक्ष, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष और इंदौर नगर निगम के उप महापौर रह चुके हैं.
भंवर सिंह शेखावत इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय विरोधी भाजपा नेताओं के निकटवर्ती माने जाते हैं. खास तौर पर कृष्ण मुरारी मोघे, गोपी कृष्णा नेमा, मनोज पटेल और मधु वर्मा जैसे नेताओं से उनके बहुत अच्छे संबंध है. ग्रामीण भाजपा के नेताओं से भी उनके नजदीकी संबंध हैं. उन्होंने वैसे लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है लेकिन यह भी कहा है कि यदि कांग्रेस के बड़े नेता उनसे बात करेंगे तो वो चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे. कांग्रेस के पास इंदौर लोकसभा क्षेत्र के लिए सीमित विकल्प हैं. अक्षय कांति बम, स्वप्निल कोठारी और अरविंद बागड़ी जैसे नेता चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन इन्हें बहुत कमजोर माना जा रहा है. जीतू पटवारी लगातार भंवर सिंह शेखावत पर चुनाव लड़ने का दबाव डाले हुए हैं.
बेटा अभी भी भाजपा में
भंवर सिंह शेखावत के बेटे संदीप शेखावत पूर्व पार्षद हैं. वे भाजपा में हैं। वे इंदौर के जगजीवन राम नगर से दो बार पार्षद रहे हैं. फिलहाल वे भाजपा में कोई पद पर नहीं हैं लेकिन उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है.
सिंधिया के खास विधायक को हराया
पिछले विधानसभा चुनाव में बदनावर विधानसभा सीट भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली. यहां भाजपा से कांग्रेस में गए भंवर सिंह शेखावत ने 2,976 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी और यहां के पूर्व विधायक राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव को पराजित किया. इस चुनाव में भंवर सिंह शेखावत को कुल 93,733 वोट मिले जबकि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को 90,757 वोट मिले.