भीषण गर्मी में भी नही ठीक हो पाए 1161 हेण्डपम्प,140 सुधार योग्य फिर भी उन्हें ठीक होने का इंतजार,बाणसागर से पानी का सपना अगले साल मार्च तक के लिए टला
सतना।गर्मी के पहले जिले में किसी प्रकार का पेयजल संकट न पैदा हो इसके तमाम प्रशासनिक दावे झूठे साबित हो रहे हैं. जिले की न तो पूरी नलजल योजना शुरू हो पायी न ही ग्रामीण क्षेत्रों में हेण्डपम्पों का उचित ढंग से समय पर संधारण हो पाया.
यह जानकारी सोमवार को प्रभारी कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े की अध्यक्षता में हुई टी एल की बैठक में दी गई
कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 1161 हैंडपंप खराब और बंद हैं। जिनमें 140 सुधार योग्य हैं। सतना जिले में पेयजल परिवहन के संकट संभावित होने वाले 40 ग्राम चिन्हित किये गये हैं। लेकिन अभी किसी भी स्थान पर पेयजल परिवहन करने की स्थितियां नहीं बन रहीं हैं। पूर्व की 187 नलजल योजनाओं में से 151 योजनायें चालू हैं। जल-जीवन मिशन में 220 नलजल योजनाओं में से 151 कंप्लीट हैं। जिनमें 115 नलजल योजनाओं का सुचारु संचालन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। बैठक में यह भी बताया गया कि जल निगम की सतना-बाणसागर सामूहिक ग्राम पेयजल परियोजना की जानकारी में जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि टनल कार्य कंप्लीट हो चुका है। इन्टेक वेल का फिनिसिंग वर्क 31 मई तक हो जायेगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का फिनिसिंग कार्य जून 2024 तक कंप्लीट होगा। संपूर्ण योजना 31 मार्च 2025 तक पूर्ण कर ली जायेगी।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने गर्मी के पहले ही वृहद बैठक कर प्रशासन से कार्ययोजना तैयार करने की पहल की थी.उस वक्त अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की कमी की स्थिति नही होने देने का आश्वासन दिया था.बैठक में बाणसागर से पेयजल के लिए पानी नही मिल पाएगा इसका भी मसला उठाया गया था,लेकिन अधिकारियों ने इस पर भी जल्दी ही काम पूरा हो जाने का आश्वासन दिया था.जानकारों की माने तो यदि गर्मी का वर्तमान रुख आने वाले एक सप्ताह तक ऐसा ही रहा तो लोग पीने के पानी के लिए भटकते नजर आने लगेंगे.बताया गया है कि तराई के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कुँए और हेण्डपम्प फेल होते जा रहे हैं. पंचायतों को स्थानीय बजट से पानी उपलब्ध कराने का बजट दिया गया है. उसकी बदौलत वे जहाँ ज्यादा दिक्कत है पानी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं