सिंगरौली :डीएमफ फण्ड से ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग को करीब सात नालियों की निर्माण के लिए करीब 3 करोड़ 76 लाख रूपये की मंजूरी मिली थी। लेकिन दो साल भी क्रियान्वयन एजेंसी भी आरईएस नालियों का निर्माण पूर्ण नही करा पाया है। वही नालियां कितनी दूरी तक बनी है इस पर भी तरह-तरह की चर्चाए हैं।गौरतलब है कि खनिज प्रतिष्ठान मद से वर्ष 2021-22 में जनपद पंचायत बैढऩ क्षेत्र के खुटार बाजार में 80 लाख, माड़ा-मकरोहर मार्ग 80 लाख, खुटार-रजमिलान मुख्य मार्ग रजमिलान बाजार में 78 लाख, रजमिलान-अमिलिया मार्ग में 40 लाख, परसौना-खुटार मुख्य मार्ग में करीब 40 लाख, माड़ा-बिन्दुल मार्ग में करीब 38 लाख एवं परसौन मुख्य मार्ग में 20 लाख रूपये कुल 3 करोड़ 75 लाख रूपये की मंजूरी मिली थी।
वही आरईए के सूत्र बताते है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान मद के स्वीकृ त कार्यों के राशि में करीब 3 करोड़ रूपये क्रियान्वयन एजेंसी को प्रदान भी कर दिया गया है और मूल्याकंन के आधार पर आरईएस विभाग ने तकरीबन 2 करोड़ 70 लाख रूपये व्यय भी कर चुका है। अब सवाल उठ रहा है कि दो साल बाद भी करोड़ रूपये की लागत से मंजूर नालियों का निर्माण आरईएस क्रियान्वयन एजेंसी पूर्ण क्यो नही करा पाया। हालांकि आरईएस विभाग कार्यों को पूर्ण होने का दावा कर रहा है। जबकि धरातल पर कुछ और बया कर रहा है। वही सूत्र यह भी बता रहे हैं कि नालियों के निर्माण कार्य में भारी हेरफेर की बू आ रही है। उक्त नालियों की निर्माण में गड़बड़झाला किया गया है। आरईएस विभाग का अमला भले ही यह दावा कर रहा है कि नालियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। लेकिन इसमे कहीं न कहीं अनियमितता हुई है। फिलहाल निर्माणाधीन नालियों को लेकर आरईएस विभाग बैढऩ घिरता नजर आ रहा है। इसकी गहराई से जांच के बाद ही वस्तु स्थिति का पता चल पाएगा।
तेलाई-नौगढ़ से लेकर परसौना तक एक साईड में नही है नाली
काचन नदी तेलाई से लेकर परसौना तक एक साईड नगर निगम नाली का निर्माण नही करा पाया है। जिसके कारण यहां के रहवासियों का भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां बताते चले की नगर निगम क्षेत्र में है। लेकिन नालियों का निर्माण एक साईड नही हुआ है। यहां के रहवासी बताते हैं कि नालियों की निर्माण ेके लिए कई बार संबंधित वार्ड पार्षदों का ध्यान आकृष्ट कराया गया। आश्वासन के अलावा कुछ भी हाथ नही लगा। जबकि बरसात के दिनों में रहवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वर्षो से नालियों की निर्माण के लिए मांग की जा रही है । फिर भी नगर निगम के अधिकारी एवं पार्षद तथा महापौर, अध्यक्ष इस समस्या को दूर नही करा पा रहे हैं। यहां के कई रहवासियों ने निगमायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराते हुये नालियों की निर्माण कार्य कराये जाने की मांग की है।
नालियों के निर्माण में गड़बड़झाला करने की बू
नालियों के निर्माण कार्य में व्यापक पैमाने पर अनियमितता करने की बू सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक परसौना से खुटार एक किलोमीटर दूरी एवं खुटार -रजमिलान 1800 मीटर, परसौना से बरगवां 1500 मीटर इसी तरह अन्य स्वीकृत नालियों की निर्माण के लिए राशि मंजूर थी। लेकिन मौके पर उक्त नालियां कितनी दूरी तक बनाई गई हैं। विभाग स्वीकृत के अनुसार नालियों की पूर्ण होने का बात रही है। जबकि इतनी दूरी तक नालियां बनी है की नही। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। वही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि यदि नालियों का कार्य पूर्ण हो गया है तो करीब करोड़ों रूपये भुगतान क्यो रोका है। कार्य पूर्णतया का प्रमाण पत्र संभवत: जमा कर देना चाहिए। क्रियान्वयन एजेंसी निर्माण कार्यों के प्रति कितनी संजीदा है। इसक े कई उदाहरण हैं।