नैनीताल, 08 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट की बेंच ऋषिकेश शिफ्ट करने की मंशा जाहिर की है।
इसके लिये सरकार को 21 मई तक अपना मंतव्य देने को कहा है।
उच्च न्यायालय के इस फैसले का हाईकोर्ट बार ने विरोध शुरू कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में बुधवार को ऋषिकेश स्थित इंडियन ड्रग्स एंड फार्स्मास्यूटिकल लिमिटेड (आईडीपीएल) मामले में सुनवाई हुई।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु वीडियो कांफ्रेसिंग से अदालत में पेश हुए।
इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि सरकार की ओर से नैनीताल जिले के गौलापार में हाईकोर्ट शिफ्ट करने के लिये 20 हेक्टेअर भूमि उपलब्ध करायी गयी है।
हजारों पेड़ इसकी जद में आ रहे हैं।
हाईकोर्ट पेड़ों के पातन के पक्ष में नहीं है।
इसलिये आईडीपीएल की गैर विवादित भूमि पर उच्च न्यायालय की बेंच गठित करने के लिये सरकार 21 मई तक जवाब दे।
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि आने वाले 50 सालों के लिये के लिये योजना बनायी जानी चाहिए।
पहले तीन न्यायाधीशों की बेंच थी और आज उच्च न्यायालय में 11 न्यायाधीश हैं।
अदालत ने कहा कि अन्य राज्यों की तरह यहां भी हाईकोर्ट की दो बेंच स्थापित होनी चाहिए।
एक बेंच नैनीताल और एक बेंच आईडीपीएल ऋषिकेश में बनायी जाये।
अदालत ने कहा कि 75 प्रतिशत मामले देहरादून से आते हैं।
इसलिये आईडीपीएल हाईकोर्ट के लिये मुफीद है।
उन्होंने सरकार को 21 मई तक प्रस्ताव भेजने को कहा है।
पीठ ने कहा कि इससे सरकार पर पड़ने वाला बोझ भी कम हो सकेगा।
मुख्य सचिव ने इस मामले में कहा कि सरकार से बात करने के बाद वह इस प्रकरण में जवाब देंगे।
दूसरी ओर हाईकोर्ट बार ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया।
हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने कोर्ट में इस फैसले पर विरोध जताया।
इसके बाद हाईकोर्ट बार ने तत्काल एक बैठक बुलायी और बैठक में अधिकांश अधिवक्ताओं ने इसके विरोध में अपना मंतव्य दिया।