मामला वार्ड 54 के इंद्रा नगर का
महीनों से इंतजार कर रहे हितग्राही
इंदौर:केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं में वृद्धा पेंशन योजना भी शामिल है लेकिन देखने में यहां आया है कि अशिक्षित या ज्ञान न होने के कारण इस कई वृद्ध जनों की पेंशन रूक चुकी है. जिसके चलते उन्हें कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.पेंशन योजना निम्न और मजदूर वर्ग की श्रेणियां में आने वाले लोगों को दी जाती है जिस में विधवा वृद्धि एवं विकलांग पेंशन योजना के तहत प्रति महीने मात्र 600 रुपए सीधे हितग्राही के खाते में डाले जाते हैं. इस नाम मात्र राशि से हितग्राही अपनी जरूरत की चीज ले सकता है. कई हितग्राही तो अपनी दवाइयां का खर्चा इसी राशि से पूरा करते हैं.
योजना का लाभ लेने वाले सैकड़ो हितग्राहियों के बीच ऐसे भी वृद्धजन है जिनकी पिछले कई महीनो से अचानक पेंशन बंद कर दी गई है. वार्ड क्रमांक 54 नगर के इंद्रा एकता नगर में कई हितग्रहियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है जहां पेंशन बंद करने की सूचना या कारण नहीं बताया गया. इधर हितग्राहियों ने अपनी पेंशन के इंतजार में कई महीने यूं ही निकाल दिए. जब पड़ताल की गई तो उन्हें पता चला कि आधार कार्ड और बैंक केवाईसी अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन आज जब हितग्राही अपने हक के लिए झोन या बैंक जाते हैं तो उन बुजुर्गों को यहां से वहां दौड़ी जाता है. जबकि क्षेत्रीय पार्षद या प्रतिनिधि का दायित्व होता है कि ऐसे वृद्धजनों के लिए वह सहायक होकर सही मार्गदर्शन दें.
इनका कहना है
पिछले चार वर्षों से मुझे पेंशन दी जा रही थी. आधार कार्ड और बैंक का कुछ करना था. मुझे नहीं पता जो मैंने करवा लिया. फिर भी पिछले एक वर्ष से पेंशन नहीं दी गई.
– सीता बाई
कुछ सालों से मेरे पति रमेश रावल की पेंशन आती थी जो पिछले कुछ महीने से बंद हो गई. झोन पर गए थे. सब कागज जमा किए अब कहते हैं पार्षद के पास जाओ वो करेंगे.
– बसंती रावल
पिछले कुछ वर्षों से मुझे विकलांग पेंशन मिलती आ रही है. बीच में कई बार बंद हो जाती है. अभी खाता भी बंद कर दिया था जिसे मैंने चालू करवाया, अब इंतजार कर रहा हूं.
– सुभाष
केवायसी करवाएं हितग्राही
पेंशन योजना के अंतर्गत सभी हितग्राहियों के खाते में पेंशन की राशि पहुंचती है. बैंक के भी कुछ नियम होते हैं. हितग्राहियों को केवाईसी करना होती है जिसके नहीं करने पर पेंशन रुक जाती है. हितग्राहियों चाहिए कि वह आपकी केवायसी करवाएं और योजना का लाभ लें.
– महेश बसवाल पार्षद