पठारी, गर्मियों में ग्राम पठारी के रह वासियों को जल संकट से न जूझना पड़े इसलिए ग्राम पठारी में खस्ताहाल कुएं को जल संग्रहण केंद्र में तब्दील किया जा रहा है. बता दें कि ग्राम पठारी में फॉर्म चौराहा शिव मंदिर के पास एक प्राचीन कुआं जो पहले कभी ग्राम वासियों की प्यास बुझाया करता था किंतु देखरेख के अभाव में कुआँ मात्र कचरा घर बनकर रह गया था. लेकिन अब इस कुएं से लगभग 100 ट्राली कचरा निकाल कर इसकी पूर्ण सफाई कर दी गई है और इस कुएं को जल संग्रहण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.
सरपंच राखी अखिलेश पंथी ने बताया कि इस कुएं को ग्राउंडवाटर टैंक के रूप में विकसित किया जा रहा है. फॉर्म चौराहे पर तीन बोरों से ग्राम की आधी आबादी को जल प्रदाय किया जाता है. क्योंकि ग्राम की बसाहट 300 से 400 फीट ऊंचाई पर होने पर तीनों बोरो की मोटर को एक साथ चलने पर भी सभी स्थानों पर पानी नहीं पहुंच पाता था. किंतु जब सभी बोरो का पानी एक जगह एकत्रित कर बड़ी मोटर या पंप से पानी को सप्लाई किया जाएगा तब निश्चित सभी को पर्याप्त पानी मिलेगा. खस्ताहाल कुए को जल संग्रहण के रूप में कैसे विकसित किया जा रहा है कि सवाल पर सरपंच राखी पंथी ने बताया कि सर्वप्रथम कुएं से लगभग 100 ट्राली कचरे को निकाल लिया गया है. इसकी पूर्णता सफाई कर दी गई है एवं कुएं की ताली में 8 इंच मोटी आईसीसी की स्लेब डाली गई है. क्योंकि कुएं में पहले से ही पत्थर की चुनाई से बंधा हुआ है. जिसमें से पानी रिस सकता है इसलिए पूरे कुएं को पुनः 9 इंच की दीवार बनाई जाएगी. जिस पर प्लास्टर कर दो कोर्ट वॉटरप्रूफ सीमेंट के किए जाएंगे. जिससे कुआं एक ग्राउंडवाटर टैंक में विकसित हो जाएगा. इसकी लागत लगभग 7 लाख रुपए आएगी यह कार्य 15 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाएगा।