सोमवार को अधिकतम तापमान 42.1 एवं न्यूनतम 24.3 डिग्री दर्ज
खण्डवा: तेज तपन से शरीर का तापमान गड़बड़ा रहा है। तेज सरदर्द और बेहोशी के कारण लोग फडफ़ड़ाकर गिर रहे हैं। निमाड़ में गर्मी वैसे भी कुख्यात है। तीन बड़े महासागरों में पानी भरा होने के कारण उमस समुद्री किनारे जैसी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग को इससे बचने के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है। सोमवार को अधिकतम तापमान 42.1 एवं न्यूनतम 24.3 डिग्री दर्ज किया गया। यह काफी अधिक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ.पी. जुगतावत ने बताया कि ग्रीष्मकाल में बढ़ते तापमान एवं लू के कारण कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है। आहार विकार पर ध्यान देने से लू या संक्रमक रोगों से बचा जा सकता है। लू से शिकार व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है। मुंह-जुबान सूखने लगती हैं। माथे, हाथ, पैर से पसीना आता है।
ऐसा हो तो घबराएं नहीं
घबराहट होती है और प्यास लगती है। उल्टी होती है। भूख नहीं लगती है। हालत अधिक खराब होने से मरीज बेहोश हो जाता है। त्वचा एकदम शुष्क और तापमान 105 डिग्री फॉरेन्हाइट तक हो जाता है। गर्मी के कारण शरीर में कमी हो जाती है, बुखार ,हाथ पैरों में दर्द, आंखों और पेशाब में जलन के साथ ही कभी-कभी दस्त भी लगते हैं।साथ ही पानी की कमी के कारण मृत्यु का खतरा भी बना रहता है।
ये तरीके अपनाएं
लू लग जाए तो रोगी को तुरन्त छायादार जगह पर कपड़े ढ़ीलें कर लिटा दें एवं हवा करें। रोगी को होश आने की दशा में उसे ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल,कच्चे आम का पना आदि दें। प्याज का रस अथवा जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण हेतु मला जा सकता है। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये यदि संभव हो तो उसे ठण्डे पानी से स्नान कराएं। उसके शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियॉं रखकर पूरे शरीर को ढंक दें।