कम मतदान से समीकरण उलटने की संभावना

विंध्य की डायरी

 डा0 रवि तिवारी
 कम मतदान से समीकरण उलटने की संभावना
लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण  में मतदान का प्रतिशत बहुत कम रहा. जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही हो. चौकाने वाले मतदान प्रतिशत ने सभी को हैरान और परेशान कर दिया है. ऐसे में समीकरण उलटने की संभावना सामने दिखाई दे रही है. सत्तारूढ़ दल इससे जहां चिंतित नजर आ रहा है वही विपक्ष उम्मीद लगाकर बैठा है कि परिणाम उसके पक्ष में सकरात्मक हो सकते है. हालाकि यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि जीत का सेहरा किसके सर होगा. मतदाता जागरूकता को लेकर तमाम प्रयास के बावजूद मतदान प्रतिशत नही बढ़ सका. विंध्य में सबसे कम मतदान रीवा में 49.54 रहा जो कि पिछले चुनाव से लगभग 11 प्रतिशत कम है. जबकि सतना में 61 प्रतिशत मतदान रहा. रीवा में मतदान में आई गिरावट ने सभी को चौका दिया है.
रीवा में युवा मतदान के प्रति उत्साह नही दिखाया और महिलाओं का भी प्रतिशत कम हुआ है. सत्तारूढ़ दल इसे अपने लिये अच्छा संकेत नही मान रहा है. मतदान कम होने के पीछे कई वजह है अगर यह माना जाय कि लगन शादी और 42 डिग्री तापमान था तो फिर पड़ोसी जिला सतना में इसका असर क्यो नही पड़ा. वहां 61 प्रतिशत मतदान हुआ. कही न कही प्रत्याशी फैक्टर भी मायने रखता है जिसकी वजह से लोग मतदान करने घरो से बाहर नही निकले. राजनीतिक दल के साथ-साथ प्रशासन के लिये भी यह एक शोध का विषय है कि रीवा में आखिरकार 50 फीसदी तक मतदान क्यो नही पहुंचा, आखिर कमी कहा रह गई. सीधी से भी कम मतदान कई तरह के सवाल खड़े करता है. जबकि विधानसभा में अच्छा मतदान हुआ था, फिर ऐसा क्या हुआ कि मतदान कम हुआ. फिलहाल कम मतदान को लेकर कांग्रेस और बसपा अपने हिसाब से राजनीतिक समीकरण लगा रहे है.

कई दिग्गज नेताओ का तय होगा भविष्य

 विंध्य की तीन लोकसभा सीटो पर मतदान हो चुका है और अब हार-जीत का गुणा गणित मतदाताओं से लेकर प्रत्याशी और समर्थक लगा रहे है. भाजपा और कांग्रेस सहित बसपा ने पूरी ताकत झोक दी, तीनो सीटे बेहद प्रतिष्ठा की सीटे है और कई दिग्गज नेताओं का भविष्य भी चुनाव परिणाम पर टिका हुआ है. अगर चुनाव हारे तो किनारे लग सकते है. मतदान के बाद अब कौन किसके साथ रहा, किसने भितरघात किया. इसका पता लगाने में प्रत्याशी मुखबिरो को सक्रिय कर दिये है. विंध्य के दिग्गज नेताओं ने पूरी ताकत झोक दी है. दरअसल रीवा और सतना बेहद प्रतिष्ठा की सीट है और यहां हार-जीत के कई मायने निकाले जायेगें और कांग्रेस-भाजपा के नेताओं का भविष्य तय होगा आने वाले परिणाम से, राजनीति की दौड में आगे निकल जायेगें या फिर बाहर हो जायेगे. इस बार का लोकसभा चुनाव परिणाम नये राजनीतिक समीकरण ही लेकर आयेगा.

चले थे चुलबुल पाण्डेय बनने

रंगारंग डांस पार्टी में महिला डांसर के साथ मंच पर ठुमका लगाना एक एएसआई को मंहगा पड़ गया. डांसर फिल्मी धुन पर ठुमके लगा रही थी और उसका ठुमका देख वर्दी के साथ सर्विस रिवाल्वर कमर में लटकाये एएसआई से रहा नही गया और खुद को नही रोक पाये. उनके अंदर फिल्म दबंग के चुलबुल पाण्डेय वाली फीलिंग आ गई और झटपट मंच पर पहुंच गये. फिर क्या था एएसआई सुशील कुमार डांसर के साथ ठुमके लगाने लगे. वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस कप्तान ने सीधे निलंबन आदेश जारी कर दिया. आदर्श आचार संहिता के बीच चुलबुल पाण्डेय का ठुमका मंहगा पड़ गया. चुनाव के समय अधिकारी-कर्मचारियो को बेहद सतर्क रहना पड़ता है लेकिन एएसआई महोदय यह भूल गये थे कि यह ठुमका उनके लिये नुकसान दायक साबित हो सकता है.

Next Post

मोदी जुमलेबाज और झूठ की गारंटी वाले सरकार के मुखिया : सोरेन

Mon Apr 29 , 2024
गिरिडीह, 29 अप्रैल (वार्ता) झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तीखा हमला करते हुए आज कहा कि श्री मोदी जुमलेबाज और झूठ की गारंटी वाले सरकार के मुखिया है। मुख्यमंत्री ने गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा उपचुनाव को […]

You May Like