
भोपाल, 17 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी शरद जायसवाल तथा चेतन सिंह गौर को आज रिमांड अवधि पूर्ण होने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
ईडी ने सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच तीनों आरोपियों को यहां जिला अदालत परिसर में विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया। ईडी ने और रिमांड की मांग नहीं की। आवश्यक औपचारिकताओं के बाद सौरभ, शरद और चेतन को अदालत के आदेश पर दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए गए। इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया।
ईडी ने “धन शोधन” मामले में काली कमायी के आरोपी और परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा तथा उसके दो साथियों शरद तथा चेतन को गिरफ्तार करने के बाद 11 फरवरी को अदालत के आदेश पर रिमांड पर लिया था। अदालत ने ईडी के आवेदन पर तीनों को उस दिन सात दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया था और रिमांड अवधि आज समाप्त हो गयी।
ईडी के भोपाल जोनल कार्यालय ने 10 फरवरी को सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी के समक्ष सौरभ शर्मा और अन्य से जुड़ा मामला लंबित है।
दिसंबर 2024 में मध्यप्रदेश की लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसके साथियों के ठिकानों पर भोपाल में छापे की कार्रवाई कर तीन करोड़ रुपए नगदी समेत करोड़ों रुपयों की चल अचल संपत्ति का पता लगाया था। इसी दौरान आयकर विभाग ने एक कार से 10 करोड़ रुपए नगद और लगभग 50 किलो सोना जप्त किया था। यह कार चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत थी। इसके बाद इस मामले में आयकर विभाग और ईडी ने भी अपनी कार्रवाई की।
सौरभ शर्मा और उसके दोनों साथियों को हाल ही में लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पहले तीनों लोकायुक्त पुलिस की रिमांड पर रहे थे। इसके बाद अदालत ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस अवधि में ईडी और आयकर विभाग भी सक्रिय हुआ और उसने अपनी कार्रवाई को भी आगे बढ़ाया।