क्वालिटी सर्किल आफ इंडिया का संपूर्ण गुणवत्ता प्रबंधन पर राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू

ग्वालियर। भारतीय उद्योगों तथा सेवा क्षेत्र में श्रेष्ठतम उत्पाद और विश्व स्तरीय गुणवत्ता के माध्यम से राष्ट्र के विकास की राह सुनिश्चित करने की दृष्टि से क्वालिटी सर्किल आफ इंडिया द्वारा उपरोक्त थीम पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ग्वालियर में शुरु हुआ। इस अधिवेशन में पांच सौ प्रतिभागी 80 दलों के माध्यम से टी क्यू एम पर अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। यह साझेदारी ही भविष्य में भारतीय टी क्यू एम के प्रारूप की आधारशिला होगी।

अधिवेशन की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से की गई। ग्वालियर ग्लोरी की छात्राओं ने पांच तत्व पर आधारित नृत्य नाटिका से कार्यक्रम की शुरूआत की। क्वालिटी सर्किल फोरम आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश मिश्रा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बैंगलौर के बाद ग्वालियर में टी क्यू एम पर दूसरा अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उद्योगों के विकास में टी क्यू एम विचारधारा महत्वपूर्ण भमिका निभाएगी। क्यू सी एफ आई के कार्यकारी निदेशक डीके श्रीवास्तव ने टी क्यू एम की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं यह घोषणा भी की कि इस वर्ष का राष्ट्रीय अधिवेशन भी ग्वालियर में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने क्वालिटी मैनेजमेंट और वर्ल्ड क्लास मैन्यूफैक्चरिंग विचारधाराओं के क्रियान्वयन एवं लाभों की जानकारी दी और विद्यार्थी वर्ग का आव्हान करते हुये कहा कि सभी इन विचारधाराओं से जुडें और राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनें। टी क्यू एम के चीफ आपरेटिंग आफीसर एवं संयोजक सुनील श्रीवास्तव ने दो दिवसीय कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी दी एवं कहा कि आज गुणवत्ता विचारधाराओं को भारतीय परिप्रेक्ष्य में समझने और क्रियान्वित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर सलाहकार क्यू सी एफ आई ए के मित्तल ने संबोधित करते हुये कहा कि एक व्यक्ति के लिए गुणवत्ता का अर्थ है कि उत्पाद या सेवा उसकी जरूरतों पर खरी उतरे और भारतीय अर्थो में कह सकें कि पैसा वसूल हो गया। यही मानक प्रदाता पर भी लागू होता है । यानी पैसा वसूल अवधारणा हितकारकों को संतुष्ट करती है। टी क्यू एम यही काम करता है। प्रमुख वक्ता वाइस चांसलर आईटीएम योगेश उपाध्याय ने याद दिलाया कि सौंदर्य देखने वाले की आंख में निहित होता है। यही बात टी क्यू एम के बारे में कही जा सकती है। साथ ही उन्होने बताया कि ग्राहक का अनुभव ही सर्वोपरि होता है जो उत्पाद या सेवा का सर्वोत्तम अनुभव प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह उपनिषद की पूर्णमिंद की अवधारणा के नजदीक हो सकता है। एबीवी आई आई आई टी एम के निदेशक एसएन सिंह ने कहा कि उत्पाद या सेवा प्रदाताओं को एथिक्स का भी पालन करना चाहिए ताकि उनका उत्पाद या सेवा उपभोक्ता के लिए नुकसानदायक न हो। उन्होंने कहा कि प्रदाता कुछ भी छुपाए नहीं । उन्होंने कहा कि उत्पाद या सेवा को चुनना ग्राहक का सर्वोपरि अधिकार है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि मांडलेज कैडबरी के डायरेक्टर आपरेशन राजेश छाबडा ने अपने उदबोधन में कहा कि गांधी का प्रसिद्ध वाक्य हमारे परिसर में ग्राहक ही भगवान है का संदर्भ देते हुये कहा कि ग्राहक ही हमारा और हमारे उत्पाद या सेवाओं का अस्तित्व तय करता है। इस मौके पर क्वालिटी सर्किल आफ इंडिया के राजसमंद के चैप्टर प्रमुख डा एनके शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद थे । इस अवसर पर टी क्यू एम की एक पत्रिका का अनावरण भी अतिथियों ने किया। धन्यवाद ज्ञापन समीर सेठ ने किया। कार्यक्रम का संचालन अनुपमा टंडन एवं शैली सक्सैना ने किया।

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